पटना। एक ही कूरियर कंपनी में काम करने वाली रांची की सुरेखा और राजीव नगर के प्रदीप (दोनों का काल्पनिक नाम) की दोस्ती जो दो साल पहले शुरू हुई थी, बुधवार दोपहर 12 बजे शादी में परिणित हो गई। दोस्ती के बाद प्यार, फिर तकरार के बाद इन्कार को शादी को इकरार में बदलने में महिला थाने की अहम भूमिका रही। खाकी के समझाने के बाद पहले प्रदीप के मां-बाप सुरेखा के पक्ष में उतरे और बाद में वह भी तैयार हो गया। महिला थाने ने रांची से लड़की के परिजनों को बुलवा कर थाने में ही दोनों की शादी करवा दी। सबका मुंह मीठा कराने के बाद अन्य रीतिरिवाज के लिए सुरेखा की मां प्रदीप को थाने से ही अपने साथ रांची ले गई। इस पहल को प्रोत्साहित करने के लिए सिटी एसपी जयंतकांत भी बाद में थाने पहुंचे थे।
थानेदार मृदुला ने बताया कि शिकायत के बाद जब पुलिस ने प्रदीप के राजीव नगर स्थित घर जाकर परिजनों को पूरी बात बताई तो वह शादी को राजी हो गए थे। न मानने की सूरत में कानूनी कार्रवाई तय देख प्रदीप भी शादी को तैयार हो गया। लड़की के परिजनों द्वारा सुबह तक पटना पहुंच जाने की जानकारी पर दोपहर 12 बजे शादी का मुहूर्त तय किया गया था। दोनों पक्षों के लोगों व महिला थाना सिपाहियों की उपस्थिति में प्रदीप ने सुरेखा की मांग में सिंदूर भरा और मंगलसूत्र पहनाया। उपस्थित लोगों ने अक्षत की वर्षा की और फिर सबका मुंह मीठा कराया गया।
क्या था मामला
कंपनी के रांची कार्यालय में काम करने वाली सुरेखा व पटना आफिस में काम करने वाले प्रदीप के बीच काम के सिलसिले में शुरू बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। कंपनी के काम से या छुट्टी लेकर दोनों मौके निकाल कर झाझा के पास मिलने लगे। कई बार प्रदीप रांची भी गया तो सुरेखा पटना आई। लेकिन फिर प्रदीप का रुख बदला और उसने छह माह तक लड़की की मोबाइल काल तक नहीं रिसीव की। गुस्से व अपमान से तमतमाती सुरेखा पटना पहुंची और उससे न मिल पाने पर महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई।