कोर्ट के दखल से प्रेमी युगल को मिला वेलेंटाइंस डे का तोहफा

valentines 2013-2-14नई दिल्ली। परिवार के कारण एक-दूसरे से अलग हुआ प्रेमी युगल को दिल्ली हाईकोर्ट से वेलेंटाइंस डे से पूर्व तोहफा मिल ही गया। हाईकोर्ट के दखल के बाद युवक-युवती न केवल दोबारा से मिल सके, बल्कि उन्हें विवाह करने की अनुमति भी मिल गई। उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव खन्ना,जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने युवक द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि युवक-युवती अपनी इच्छा से एक-दूसरे से विवाह कर सकते हैं और पुलिस उन्हें सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराए।

युवक व युवती में प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती के परिजनों को इसका पता चला तो उन्होंने उसके घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी। युवती ने प्रेमी को एक पत्र लिखा कि उसके परिजन अंतरजातीय विवाह के खिलाफ हैं, इसलिए उसका दूसरी जगह पर विवाह कराना चाहते हैं। उसने मना किया तो वे उसकी ऑनर किलिंग कर सकते हैं। युवती का पत्र पाते ही उसके प्रेमी ने अपने अधिवक्ता अवध कौशिक के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वह और युवती दोनों आईटीआई कोर्स कर रहे थे। इसी दौरान दोनों में दोस्ती हुई। लेकिन यह दोस्ती युवती के परिजनों को पसंद नहीं थी। इसी कारण युवती को कोर्स छोड़ना पड़ा। दिसंबर, 2012 में उन दोनों ने फैसला लिया कि वे शादी करेंगे। इस बारे में उन्होंने अपने परिजनों को बताया। लेकिन युवती के परिजन नहीं माने और उन्होंने उसे घर पर बंधक बना लिया। 19 जनवरी, 2013 को याचिकाकर्ता की आखिरी बार अपनी प्रेमिका से बात हुई। 3 फरवरी 2013 को युवती ने अपनी दोस्त के माध्यम से युवक के पास पत्र भेजकर अपनी आपबीती बताई और कहा कि वह उसे किसी भी तरह से आकर ले जाए। परिजनों ने दोनों को जान से मारने की धमकी भी दी है। उच्च न्यायालय ने समन जारी कर युवती को तलब किया। मंगलवार को पुलिस ने युवती को अदालत के समक्ष पेश किया। अदालत में युवती ने कहा कि वह याचिकाकर्ता से प्रेम करती है और उसके साथ जाना चाहती है।

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