अजमेर। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के सदस्य डॉ.मुजफ्फर अहमद ने कहा है कि भारत सरकार आपदा सहायता प्रबंधन को नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता बनाने के लिए काफी प्रयास कर रही है और इसके लिए प्रत्येक जिले को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने आपदा सहायता प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिले के आपदा सहायता प्रबंधन का ऐसा एक्शन प्लान बनायें, जिसमें सभी विभागों के मध्य सशक्त समन्वय होने के साथ-साथ प्रत्येक अधिकारी और सहायता प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों को यह स्पष्ट तौर पर मालुम हो कि उन्हें लोगों की सहायता के लिए क्या-क्या काम करने हैं।
डॉ. अहमद आज सर्किट हाउस में आपदा सहायता प्रबंधन के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने अजमेर को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर बताया और पुष्कर व दरगाह क्षेत्र में आपदा की स्थिति में विशेष सहायता प्रबंध रखने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन, विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा, जल प्रबंधन, विद्युत सेवाओं से संबंधी आवश्यकता सहित नगर निगम, नगर सुधार न्यास, जल संसाधन व अन्य विभागों को आपदा की स्थिति में सहायता के लिए मुस्तैद रहने के लिए पाबंद किया और ऐसी समस्याएं जो कि एकदम आफत के रूप में सामने आती हैं उनसे निपटने के लिए सभी को सामुहिक जिम्मेदारी से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा सहायता प्रबंधन में प्रत्येक व्यक्ति का प्रशिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने अजमेर में आपदा सहायता प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की और आवश्यकताओं की जानकारी भी ली।
कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक डॉ.रामदेव सिंह ने बैठक में पुलिस सुरक्षा की दृष्टि से आपदा प्रबंधन को स्पष्ट किया और जिले में होने वाली आपदाओं के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए जिले में बाल वाहिनी योजना संचालित है। इसकी समय-समय पर बैठकें लेकर बच्चों की सुरक्षा के बारे में समीक्षा की जाती है। प्रोटोकॉल अधिकारी श्रीमती सुनीता डागा ने अजमेर जिले के आपदा प्रबंधन के प्रारूप के बारे में स्पष्ट किया और इस दिशा में जिला स्तर पर अब तक किये गये कार्यों से अवगत कराया।
डॉ.अहमद ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों की रूचि और किये गये प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपदा सहायता प्रबंधन की दिशा में अजमेर जिला अन्य कार्यक्रमों की तरह इसमें भी आगे है। प्राधिकरण तकनीकी सहायता की दृष्टि से हर संभव सहायता देगा। बैठक में उपनिदेशक हरजीराम चौधरी, डॉ.आर.एल.दवे, अधिशाषी अभियंता पी.के.मौर्य, एन.के.टांक, अनूप जैन, रवि सारस्वत, अग्निशमन अधिकारी हमीद खां, अशोक मलिक, डॉ.विजयलक्ष्मी धाबाई, डॉ.ओ.पी.गुप्ता सहित गेल के अधिकारी भी मौजूद थे।