नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने मंगलवार को निजी स्कूलों में चल रहे नर्सरी के दाखिले की प्रक्रिया पर किसी भी तरह की रोक लगाने से साफ इन्कार कर दिया है। अब मौजूदा प्रक्रिया के तहत ही स्कूलों में नर्सरी के दाखिले जारी रहेंगे। कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा है कि शिक्षा के अधिकार का कानून नर्सरी में दाखिले के मामले में लागू नहीं होता है।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले के बाद कहा कि आरटीई को नर्सरी एडमिशन में भी लागू करना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह फैसला अशोक अग्रवाल की याचिका पर सुनाया है। उन्होंने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है। हाई कोर्ट ने कहा है कि सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है।
अग्रवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका में दलील दी थी कि सरकार की ओर से जारी किया गया नोटिफिकेशन शिक्षा के अधिकार की अनदेखी कर रहा है। याचिका में स्कूलों की ओर से तय किए गए प्वाइंट सिस्टम को शिक्षा के अधिकार के कानून उल्लंघन बताया गया था।
अग्रवाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि शिक्षा के अधिकार का कानून किसके लिए मान्य है। जवाब में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि शिक्षा के अधिकार कानून महज 6 साल से लेकर 14 साल तक के बच्चों के ऊपर लागू है और राज्य सरकार उससे कम उम्र के बच्चों के लिए नियम बनाने के लिए स्वतंत्र है। अदालत में सरकार के अलावा स्कूल, याचिकाकर्ता और अभिभावकों की तरफ से दलील रखी गई थी।