मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा में बसपा के हंगामे और वाकआउट के बीच वित्त वर्ष 2013-14 का बजट पेश किया। पिछले साल की तुलना में इस बार बजट में लगभग 10.5 फीसद वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। पिछले साल दो लाख करोड़ के मुकाबले इस बार दो लाख 21 हजार 201 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट पेश किया गया है। इसमें चुनावी वादों को पूरा करने के साथ-साथ कुछ आधारभूत लक्ष्यों को पूरा करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने बजट में 18 फीसद की वृद्धि की थी।
बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 10645 करोड़, शिक्षा के लिए 32886 करोड़, मूलभूत सुविधाओं के लिए 26641 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही बजट में 2100 गांवों को संपर्क मार्ग से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। बजट में जीडीपी के लगभग तीन फीसद यानी 24 हजार करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दिखाया गया है।
सरकार ने इसके साथ ही बजट में पूर्वाचल के 27 जिलों के लिए 100 करोड़ रुपये तथा बुंदेलखंड के लिए 109 का विशेष पैकेज का प्रावधान किया है। वहीं, लखनऊ में आइएएस अधिकारियों के लिए अकादमी खोलने, मेट्रो ट्रेन चलाने और लॉरेटे कान्वेंट स्कूल से कैंट तक ओवरब्रिज बनाने की योजना है। बजट में ‘हमारी बेटी उसका कल’ योजना के लिए 350 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। बजट में किसानों की ऋण माफी के लिए 750 करोड़, राष्ट्रीय पारिश्रमिक लाभ योजना के लिए 350 करोड़, बेरोजगारी भत्ते के लिए 1200 करोड़, 21 करोड़ रुपये गन्ना किसानों के भुगतान के लिए, सौर ऊर्जा रिक्शा के लिए 450 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक बाहुल इलाकों के विकास के लिए 475 करोड़ रुपये रखे गए हैं। सरकार की कम साक्षरता वाले 36 जिलों में सरकारी कॉलेज खोलने की योजना है। बजट में लखीमुपर और आजमगढ़ में कृषि विश्वविद्यालय, इलाहाबाद व सिद्धार्थनगर में दो विश्वविद्यालय खोलने की योजना का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य में छात्रों के लिए 200 छात्रावास बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है।