अभिषेक वर्मा के दोस्त से संपर्क साधेगी सीबीआइ

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नई दिल्ली [नीलू रंजन]। हेलीकॉप्टर घोटाले की सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआइ हथियार दलाल अभिषेक वर्मा के अमेरिकी दोस्त एडमंड्स एलेन से नए सिरे से संपर्क साधेगी। पिछले साल सीबीआइ समेत सभी जांच एजेंसियों को भेजे पत्र में एलेन ने अभिषेक पर अगस्ता वेस्टलैंड के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था।

एलेन द्वारा उपलब्ध कराए दस्तावेजों के आधार पर ही सीबीआइ अभिषेक को गिरफ्तार कर तीन मामलों में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। एलेन के खुलासे के बाद अभिषेक के घर मारे गए छापे में सीबीआइ को अगस्ता वेस्टलैंड के साथ दलाली के करार से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि घोटाले की जांच में एलेन अहम कड़ी साबित हो सकता है।

इस बीच रक्षा मंत्रालय और सीबीआई की टीम हेलीकॉप्टर सौदे में हुई धांधली की जांच के लिए इटली पहुंच गई है। यह यहां अभियोजन पक्ष के अलावा फिनमैकेनिका व अन्य सभी संबंधित पक्षों से मिलेगी। इतालवी अदालत से जांच रिपोर्ट साझा करने को लेकर मिले इन्कार के बाद अब भारतीय जांच दल अपने स्तर से इस सौदे के बाबत जानकारियां एकत्रित करेगी। हालांकि, इस कोशिश के पीछे चेहरा बचाने की सियासी कोशिश ज्यादा है।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बताया कि सीबीआइ टीम मामले से जुड़ी ठोस जानकारियां जुटाने के लिए मिलान गई है। रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव एके बल और सीबीआइ के दो अधिकारियों का दल सोमवार देर रात इटली रवाना हुआ था। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों से कहा गया है कि इतालवी अदालत में चल रही जांच से जुड़े सभी संबंधित पक्षों से मुलाकात कर तथ्यों को जमा करें। इस कड़ी में अधिकारी सवालों के घेरे में आई फिनमैकेनिका कंपनी के अधिकारियों से भी मिलेंगे।

सीबीआइ के एक संयुक्त निदेशक स्तर अधिकारी और एक अभियोजन अधिकारी भी रोम रवाना हुए हैं। महत्वपूर्ण है कि इटली के साथ पारस्परिक विधिक सहयोग संधि के अभाव में भारतीय अधिकारियों के लिए किसी भी सूचना को आधिकारिक तौर पर हासिल करना मुश्किल दिखाई दे रहा है। इतालवी अदालत भारत को फिनमैकेनिका के खातों की पड़ताल से जुड़ी जानकारियां साझा करने से इन्कार कर चुकी हैं। भारतीय दूतावास के जरिए रक्षा मंत्रालय को मिली जानकारी में बुस्तो अरिजियो के जज ने इतालवी दंड संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि था कि मामले की जांच अभी प्रारंभिक दौर में है और गोपनीयता के नियमों से संरक्षित है।

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस मामले में इटली की अदालत से जानकारी हासिल करने के लिए अनुरोध पत्र ही सबसे बेहतर और मजबूत तरीका है। उन्होंने बताया कि इटली गई सीबीआइ टीम के लौटने पर जुटाई गई जानकारियों का विश्लेषण किया जा सकता है। सरकारी हलकों में इस बात की आशंकाओं से इन्कार नहीं किया जा रहा कि इस टीम के हाथ कोई महत्वपूर्ण सुबूत न लगे। सरकार के लिए मुसीबत यह है कि मीडिया को जो जानकारियां मिल रही हैं वह भी उसे नहीं मिल पा रही हैं। इटली में फिनमैकेनिका के तत्कालीन सीईओ जियोसिपी ओरसी की गिरफ्तारी के बाद भारत ने वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।

इस बीच जानकारी यह भी है कि इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड ने राजस्थान सरकार को गलत तथ्य बताकर अपना हेलीकॉप्टर बेचा था। 20 नवंबर, 2011 को मुख्यमंत्री को लेकर उड़ते समय राज्य में चुरू के पास इसकी पंखुड़ी की कैप उखड़ गई थी और बड़ा हादसा होते-होते बचा था। सरकार ने कंपनी से संपर्क साधा तो कंपनी ने कहा कि राज्य में चलने वाली धूलभरी हवाओं की वजह से ऐसा हुआ। राजस्थान सरकार ने इस कंपनी से 2005 में 20.01 करोड़ रुपये में अगस्ता ए-109 पावर हेलीकॉप्टर खरीदा था। सरकार ने कंपनी का भुगतान रोक रखा है। कुछ माह पूर्व कंपनी ने इसके लिए इंटरनेशनल कोर्ट में दावे की चेतावनी दी है। कैग की 2008 की रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता की बात कही है।

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