नोएडा [जागरण संवाददाता]। श्रमिक संगठनों के आह्वान पर हड़ताल के दौरान नोएडा में बंद समर्थकों ने जबरदस्त उपद्रव किया। कई स्थानों पर पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई। फेज-दो में आधा दर्जन फैक्टरियों में आगजनी के साथ-साथ पांच सौ से अधिक कंपनियों में तोड़फोड़ की गई। फैक्टरियों के बाहर भी बंद समर्थकों ने आगजनी की। उपद्रवियों ने दर्जनों वाहनों के शीशे तोड़े और एक दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कंपनियों में घुसकर कर्मचारियों से मारपीट की गई। छह घंटे तक फेज-दो इलाके में कोहराम मचा रहा। उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ हवाई फायर करने पड़े। हालांकि, पुलिस हवाई फायर करने से इन्कार कर रही है। आगजनी, तोड़फोड़ व संपत्ति के नुकसान का आकलन लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपये किया गया है। शाम के बाद स्थिति नियंत्रित हुई।
जिला अधिकारी एमकेएस सुंदरम् के अनुसार फैक्टरियों में तोड़फोड़ व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 50 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 38 को गिरफ्तार किया गया है। घटना के बाद एडीजी एनसीआर, मेरठ कमिश्नर से लेकर आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों को एकाएक हिंसा पर उतारू हुई भीड़ के पीछे गहरी साजिश का अंदेशा नजर आया। जिला प्रशासन भी इसकी पुष्टि करता दिख रहा है। डीएम ने पूरी घटना में साजिश की बात कह मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।
बुधवार सुबह से ही नोएडा फेज-दो में होजरी कांप्लेक्स की अधिकांश फैक्ट्रियों में काम चल रहा था। करीब नौ बजे सुबह बंद समर्थकों ने फैक्ट्रियों को बंद कराना शुरू किया। बाहर निकले मजदूरों की भीड़ ने कुछ ही देर में कंपनियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। महिला कर्मचारियों से बदतमीजी की गई।
सुबह दस बजे के बाद पूरा फेज-दो इलाका रणभूमि में तब्दील हो गया। होजरी कांप्लेक्स में मदरसंस सहित आधा दर्जन फैक्ट्रियों में आगजनी की गई। पुलिस व बंद समर्थकों के बीच कई बार झड़पें हुई। बंद समर्थकों ने कंपनियों के सामने खड़े वाहन, पुलिस जिप्सी तथा एक अग्निशमन वाहन को आग के हवाले कर दिया।
फेज-दो इलाके में हिंसा का नंगा नाच देख पीएसी के साथ गाजियाबाद से भी भारी पुलिस बल बुलाया गया। दिन भर हुई मारपीट व हिंसा में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। फेज-दो के अलावा, नोएडा सेक्टर-63, 57, 58, 59, 64, 65 व 67 में भी फैक्ट्रियों पर पथराव किया गया। कई फैक्ट्रियों के शीशे उपद्रवियों ने तोड़ डाले। दोपहर तक उपद्रव होता रहा। इसके बाद पुलिस ने पीएसी के साथ कमान संभाली, तब जाकर शहर शांत हुआ। दोपहर बाद औद्योगिक सेक्टरों की सड़कें सुनसान रहीं। सिर्फ जवान ही गश्त करते नजर आए।
स्थानीय स्तर पर घटना की जांच के लिए डीएम एमकेएस सुंदरम् ने मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की है।
एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की कई टीमें देर रात तक उपद्रवियों की तलाश में छापे मारने में जुटी रहीं। पुलिस के आला अधिकारी बृहस्पतिवार तक नोएडा में ही कैंप करेंगे।
सुनियोजित साजिश के तहत दिया गया घटना को अंजाम
नोएडा। नोएडा में बुधवार को हुई घटना अचानक नहीं हुई थी। यह पूर्व नियोजित साजिश थी। वजह, उपद्रवियों के निशाने पर वे कंपनियां भी थी, जो अभी बनकर चालू नहीं हुई हैं और कुछ ऐसी कंपनियों में भी तोड़-फोड़ की गई, जो लंबे अरसे से बंद पड़ी हैं। हड़ताल के पहले ही दिन जिस तरह से शहर के कुछ चुनिंदा औद्योगिक इलाकों में तोड़-फोड़ और आगजनी हुई, उससे साफ है कि साजिश है।
हरियाणा में एक की मौत
कर्मचारी यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल ने हरियाणा के अंबाला में एक व्यक्ति की जान ले ली। यहां रोडवेज की बसें नहीं चलने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अंबाला में तड़के बसों को रोकने की कोशिश में एक कर्मचारी नेता बस की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। इससे नाराज कर्मियों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। स्थिति बुरी तरह से तनावपूर्ण बनी हुई है। गुस्साए कर्मचारियों ने पुलिस उपायुक्त अंबाला शहरी तथा बलदेव नगर थाना प्रभारी के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
इसके साथ ही कर्मचारी संगठनों ने मृतक के परिवार को तीस लाख मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी, एसीपी, डीसीपी, डीआरओ और रोडवेज के जीएम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। अन्यथा दो घंटे बाद वे जीटी रोड जाम कर देंगे। इस बीच, आंदोलनकारियों ने राजपुरा में रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है, जिससे पंजाब से आने वाली ट्रेनें रोक दी गई हैं। उधर, कैथल में प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।
पानीपत, करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और रोहतक समेत विभिन्न जगहों पर सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं हुआ। कर्मचारी दफ्तरों के बाहर धरने पर बैठकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। कैथल, जींद, झज्जर, कुरुक्षेत्र में रोडवेज की बसें बिल्कुल नहीं चलीं, जीटी रोड पर इक्का-दुक्का बसें जरूर दिखीं, लेकिन उनमें भी कोई खास भीड़ नहीं थी। पानीपत ने पंजाब नेशनल बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुआ। हालांकि थर्मल में व्यापक असर दिखा। बैंकों में कामकाज नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। बिजली कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं, लेकिन उन्होंने बिजली आपर्ति बाधित नहीं करने की घोषणा की है।
अंबाला शहर रोडवेज डिपो में सुबह करीब साढ़े चार बजे एक कर्मचारी नेता उस समय बसों की चपेट में आ गया जब वह डिपो से निकाली जा रही बसों को रोकने का प्रयास कर रहा था। रोडवेज में ड्राइवर नरेंद्र सिंह चढ्डा (55) कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज यूनियन में अंबाला इकाई के कोषाध्यक्ष थे।
उत्तर प्रदेश में कई जगह हिंसा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में कई जगहों से की तोड़फोड़, आगजनी की खबरें हैं। हड़ताल के पहले दिन ही नोएडा के सेक्टर 62 और 63 में कर्मचारियों ने सड़कें जाम कर दी। नोएडा के फेज-2 इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होजरी कॉम्प्लेक्स एरिया में करीब 300 हड़ताली कर्मचारियों ने एक-दो कंपनियों के शीशे तोड़ दिए हैं। नोएडा के सेक्टर-63 में भी तोड़फोड़ की खबर है। प्रतक्षदर्शियों ने बताया कि इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालत इतने बेकाबू हो गए की पुलिस को स्थिति का सामना करने आना पड़ा।
उधर, हापुड़ में भी नगर विधायक गजराज सिंह के बेटे बॉबी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हड़ताली इलाकों में जमकर फायरिंग की। पुलिस ने विधायक के बेटे बॉबी को छोड़ उसके पांच दोस्तों को हिरासत में ले लिया है।
पश्चिम बंगाल में व्यापक असर
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर बंगाल में देखने को मिल रहा है। राजधानी कोलकाता में माकपा समर्थित ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों जबरन बंद कराते देखा गया।
दिल्ली में ऑटो व टैक्सी बंद
देश की राजधानी दिल्ली में ऑटो रिक्शा और टैक्सी बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां भी अपनी मांगों के समर्थन में विभिन्न ट्रेड यूनियन के सदस्य सड़कों पर उतरे। कुछ जगहों से छिटपुट हिंसा की खबर है।
उधर, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में बंद का असर देखा जा रहा है। हालांकि पश्चिम भारत के महाराष्ट्र और गुजरात में बंद मिला-जुला असर देखा गया। मुंबई में लोकल और बस सेवा बिना किसी दिक्कत के जारी है। यहां टैक्सियां अन्य दिनों की उपेक्षा कम जरूर चल रही हैं।
हिंसा करने वालों पर लगेगा गुंडा एक्ट
लखनऊ। शासन ने श्रमिक संगठनों की हड़ताल के दौरान नोएडा में हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार और गृह सचिव राकेश को शामिल किया गया है। समिति से तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने की अपेक्षा की गयी है। उपद्रवी तत्वों की पहचान में वीडियो फुटेज की मदद ली जाएगी। इन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध गुण्डा एक्ट जैसे अधिनियम में कार्यवाही तो की ही जाएगी, साथ ही एनएसए लगाने पर भी विचार होगा।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने बुधवार देर शाम यह जानकारी दी। जांच के लिए गठित समिति बंद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए तैयारियों का परीक्षण और घटना के समय पुलिस बल की भूमिका की जांच करेगी। साथ ही घटना के लिए प्रथम दृष्ट्तया लापरवाही, अकर्मण्यता के लिए प्रत्येक स्तर के दोषी अधिकारियों को भी चिह्नित करेगी। ऐसे चिह्नित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। आरएम श्रीवास्तव ने कहा कि शासन द्वारा किसी भी दशा में अराजकता सहन नहीं होगी तथा अधिकारियों की शिथिलता व अकर्मण्यता को भी क्षमा नहीं किया जाएगा। पहले मेरठ मंडल के मंडलायुक्त को शासन ने निर्देश दिया था कि वरिष्ठ अपर आयुक्त से प्रशासनिक जांच कराई जाए लेकिन देर शाम फैसला बदल गया। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने के निर्देश दिए।
श्रमिक संगठनों से की जायेगी क्षति की भरपाई : बुधवार को अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार और गृह सचिव राकेश कुमार ने एनेक्सी के मीडिया सेंटर में पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने नोएडा में हुई हिंसा में अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया और छह मुकदमे दर्ज किये गये हैं। अभी और मुकदमे दर्ज होंगे। इस आंदोलन के दौरान हुई क्षति की भरपाई के लिए प्रिवेंशन टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के तहत वसूली के लिए श्रमिक संगठनों को नोटिस दी जाएगी। उन्होंने नोएडा में फायरिंग से इंकार किया और कहा वहां सिर्फ रबर बुलेट चलाई गयी। उन्होंने बताया आंदोलन के दौरान लूट पाट की गयी और पुलिस ने बहुत सामान बरामद किया है।
होजरी और अन्य प्रतिष्ठानों से लूटे गये काफी मात्रा में कपड़े बरामद किये गये हैं। एडीजी ने कहा आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आये, जिसके चलते स्थिति खराब हुई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सीटू और हिन्द मजदूर सभा के नेता चिन्हित किये गये हैं। घोषित हड़ताल व आंदोलन होने के बावजूद नोएडा में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारी न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चूंकि केन्द्र और राज्यकर्मियों की हड़ताल सरकारी क्षेत्र में थी और नोएडा के प्राइवेट सेक्टर होने की वजह से वहां ज्यादा फोकस नहीं था, लेकिन उसे दो घंटे में स्थिति नियंत्रित कर ली गयी।
उन्होंने बताया कि हालात पर काबू के लिए चार कंपनी पीएसी तैनात है और दो कंपनी पीएसी तथा एक कंपनी आरएएफ भेजी जा रही है। गुरुवार को सभी को अपनी फैक्ट्री और प्रतिष्ठान खोलने को कहा गया है। लोकल इंटेलीजेंस के फेल होने के सवाल पर उन्होंने कहा इंटेलीजेंस ने गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी।