कोट्टायम। दिल्ली गैंगरेप मामले के बाद लागू नए अध्यादेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए सूर्यनेल्ली गैंगरेप की पीड़िता ने शुक्रवार को राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन को आरोपी बनाने के लिए पुलिस में प्रार्थना पत्र दिया।
पीड़िता की वकील अनिला जॉर्ज ने बताया कि पीडि़ता एवं उनके अभिभावक पुलिस थाने गए लेकिन सब इंस्पेक्टर ने शिकायत दर्ज करने से पहले तो इन्कार कर दिया, लेकिन बाद में उसने अर्जी स्वीकार ली। चिंगावनम पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में यह भी मांग की गई कि हाल में कर्नाटक में गिरफ्तार धर्मराजन और दो अन्य लोगों उन्नाीकृष्णन तथा जमाल को भी इस मामले में आरोपी बनाकर कटघरे में लाया जाए। धर्मराजन इस मामले में जमानत मिलने के बाद फरार हो गया था और उसे हाल में कर्नाटक में गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक धर्मराजन ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि वह 19 फरवरी 1996 को कुमली विश्राम गृह जाते वक्त कुरियन के साथ उनकी गाड़ी में मौजूद था। कुमली विश्राम गृह में ही पीड़ित का यौन उत्पीडन हुआ था। पीड़ित और उसके माता-पिता शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने आए थे।
पीड़ित की वकील अनिला जार्ज ने कहा कि सहायक उपनिरीक्षक ने शिकायत स्वीकार की लेकिन मामला दर्ज करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उपनिरीक्षक मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित की शिकायत कुरियन को आरोपी बनाने के लिए है। अब तक कुरियन के खिलाफ कोई पुलिस मामला या प्राथमिकी नहीं है।
वकील ने दावा किया कि कुरियन का नाम आने पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि अन्यत्र होने के कारण कुरियन के लिए कुमली विश्राम गृह पर होना संभव नहीं है। इसलिए उन्हें कभी आरोपी नहीं बनाया गया। कोट्टायम पुलिस अधीक्षक ने कहा कि केरल पुलिस अधिनियम के अनुसार, जब एक याचिका स्वीकारी जाती है, तो उसको पंजीकृत किया जाता है और पावती दी जाती है। पीडि़ता के वकील को पावती दी गई है।
इससे पहले पीजे कुरियन के खिलाफ केरल में सड़क से लेकर विधानसभा तक में जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला है। केरल में विपक्ष ने कुरियन के खिलाफ जांच करवाने की मांग भी की है। गौरतलब है कि इस मामले में कुरियन समेत 35 आरोपियों को केरल हाईकोर्ट से क्लीनचिट मिल गई थी। लेकिन 17 साल पहले हुए इस बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही अपने केरल हाईकोर्ट को यह पूरा मामला नए सिरे से देखने के आदेश दिए थे।