धोखे से रचाई दूसरी शादी, चलेगा रेप का केस

hc-asks-trial-court 2013-3-2नई दिल्ली। विवाहित होने के बावजूद अन्य महिला को धोखे में रखकर उससे विवाह रचाने और संबंध बनाने वाले व्यक्ति पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेप का मुकदमा चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के जस्टिस जीपी मित्तल ने मामले में महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के उस फैसले को रद कर दिया, जिसके तहत व्यक्ति को मामले से आरोप मुक्त कर दिया गया था।

हाईकोर्ट ने मामले में शीर्ष अदालत के कई फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति किसी महिला को यह विश्वास दिलाता है कि वह उसकी पत्नी है और उससे संबंध बनाता है। हालांकि, असल में उसे पता है कि वह उसकी पत्नी नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में भी यह अपराध रेप की श्रेणी के दायरे में आता है।

कोर्ट ने कहा कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं या गलत, यह मामले की सुनवाई के दौरान निर्धारित की जाएगी। इसलिए आरोपी को निर्देश दिया जाता है कि वह एक अप्रैल को संबंधित निचली अदालत में पेश हो।

गौरतलब है कि उड़ीसा की रहने वाली एक महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि कि आरोपी अविनाश ओराम कुजुर ने इस बात को छुपाया कि वह पहले से शादीशुदा है। वर्ष 2005 में कुजुर ने विवाह कर संबंध बनाए। फिर जुलाई 2010 में उन्होंने कोर्ट मैरिज भी की, परंतु उसी वर्ष बीमा कागजातों से पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है।

इसलिए उसने अविनाश के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करा दिया। लेकिन साकेत कोर्ट ने अविनाश को यह कहते हुए आरोपमुक्त किया कि उस पर प्रथमदृष्टया रेप का मामला नहीं बनता है, क्योंकि उसने पीड़िता की मर्जी से संबंध बनाए थे। उस पर शादीशुदा होने के बाद भी दूसरी शादी करने का मामला बनता है, रेप का नहीं। निचली अदालत के इस निर्णय को युवती ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।

 

 

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