नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर ने शिवेसना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे से सुलह की अपील की है। नाना पाटेकर ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बताया कि उन्होंने दोनों भाइयों से सभी के हितों के लिए साथ काम करने को कहा था। बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे 2006 में शिवसेना से अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नाम से अलग पार्टी गठित कर ली थी।
सक्रिय राजनीति में आने की संभावना से इन्कार करते हुए नाना पाटेकर ने कहा कि बाल ठाकरे हमारे लिए पिता तुल्य थे, लेकिन उन्होंने मुझे कभी अपनी पार्टी से टिकट नहीं दिया। पाटेकर ने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनके अच्छे संबंध हैं। राष्ट्रीय अवॉर्ड विजेता अभिनेता नाना पाटेकर अभिनीत द अटैक ऑफ 26/11 शुक्रवार को रिलीज हुई। रामगोपाल वर्मा निर्देशित इस फिल्म में नाना पाटेकर पुलिस उपायुक्त अपराध शाखा राकेश मारिया का रोल कर रहे हैं। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने उन्हें खत लिखकर फिल्म की प्रशंसा की है।
फिल्म की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई गाना नहीं डालने के कारण भी नाना इस फिल्म से जुड़े थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिल्म में भारतीय पुलिस को पाकिस्तानी आतंकियों के सामने बेबस दिखाने को लेकर आई खबरें गलत हैं। निजी जिंदगी पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके पिता के साझेदार ने धोखा दिया और उनका कारोबार ठप हो गया। महज 13 वर्ष की उम्र में उन्हें घर चलाने के लिए काम करना पड़ा। वह दोपहर तक स्कूल में रहने के बाद काम के लिए दौड़ पड़ते थे। उन्होंने बताया, मैं एक पारसी सज्जन के लिए पोस्टर बनाता था, जो हर महीने 35 रुपये मेहनताना के साथ एक वक्त का खाना भी देते थे। वह बहुत ही डरावना दौर था।
गौरतलब है कि बाला साहब ठाकरे के साथ मतभेदों को लेकर राज ठाकरे ने अपनी अलग से पार्टी बनाई थी। इससे शिवसेना को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, इससे पहले भी दोनों चचेरे भाइयों के एक होने की खबरें मीडिया में आ चुकी हैं।