मोदी को लेकर क्या बोले वस्तानवी

modi-as-pm-vastanvi 2013-3-4अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अब मुस्लिम लोगों की सोच में बदलाव आता दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि अब मोदी को लेकर मुस्लिम समाज पहले जैसा विरोध करता दिखाई नहीं देता है। इतना ही नहीं, अब मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर भी कुछ लोगों को ऐतराज नहीं है। दारुल उलूम देवबंद के पूर्व कुलपति गुलाम मुहम्मद वस्तानवी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षाें से गुजरात में भाजपा की ही सरकार रही है। यदि भाजपा सरकार मुस्लिम लोगों के लिए काम करेगी तो कोई वजह नहीं है कि वह मोदी को नकारेंगे। उन्होंने यह भी माना कि पिछले कुछ वर्षो में भाजपा की सोच मुसलमानों के प्रति बदली है। ऐसे में मुसलमानों का मोदी के खिलाफ जाने का सवाल ही नहीं उठता है। वह गुजरात सामाजिक वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा कराए गए सामूहिक विवाह समारोह में शरीक होने अहमदाबाद गए थे। यहां पर 165 मुस्लिम जोड़ों की शादी कराई गई थी। इस मौके पर कांग्रेस विधायक गयासुद्दीन शेख भी वहां पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वस्तानवी ने मोदी का समर्थन नहीं किया है।

इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी नरेंद्र मोदी को लेकर मुसलमानों की सोच में हो रहे परिवर्तन की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि गुजरात में मोदी के प्रति मुसलमानों का रुख नरम हो रहा है। उनका कहना था कि इस विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी को मुसलमानों के भी वोट पड़े हैं। हालांकि उन्होंने बाद में विरोध के बाद अपने इस बयान में कुछ संशोधन भी कर लिया था। उन्होंने माना था कि मुस्लिम सोच में बदलाव केवल गुजरात तक ही सीमित है यह पूरे देश के मुसलमानों पर न तो लागू होता है न ही ऐसा हो सकता है।

एक इंटरव्यू के दौरान मौलाना मदनी ने मोदी की गुजरात में जीत को वहां के मुसलमानों के पास अन्य कोई विकल्प न होना बताया था। उनका कहना था कि कोई दूध का धुला हुआ नहीं है, ऐसे में मोदी को चुना गया। हालांकि मोदी के पीएम बनने की अटकलों पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से साफ इन्कार कर दिया था। लेकिन वस्तानवी के इस बाबत आए बयान के बाद एक बार फिर से मुस्लिम समाज में इसको लेकर बेहस तेज होने के पूरे आसार बन गए हैं।

error: Content is protected !!