आज मिलेगी हमारी रिफाइनरी को मंजूरी

refinaryजोधपुर/जयपुर.एचपीसीएल बोर्ड की मंगलवार को होने वाली बैठक में रिफानरी को मंजूरी मिलना तय है। इसके बाद 17-18 मार्च को एमओयू होगा और सरकार की तरफ से औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी। एचपीसीएल की फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बाड़मेर में लगने वाली रिफाइनरी  के पक्ष में है।
 एचपीसीएल सूत्रों के मुताबिक सहयोगी इंजीनियर इंडिया लि. (ईआईएल) के साथ रिफाइनरी की पूरी स्टडी हो चुकी है और उसके फायदे-नुकसान का आकलन किया जा चुका है। यह स्टडी क्षमता, कमजोरी, अवसर और आशंका, इन चार बिंदुओं पर हुई है। उसमें सांचौर-बाड़मेर बेसिन में तेल उत्पादन और अन्य फिजिबिलिटी रिफाइनरी के लिए सबसे उपयुक्त माने गए हैं।
राज्य सरकार ने भी कंपनी की सभी शर्तो पर सहमति दे दी है, इसलिए अब पीछे हटना बोर्ड के लिए बहुत मुश्किल है। महज एक आशंका है, वह है बाड़मेर में रिफाइनरी से मंगला पर निर्भर दूसरी रिफाइनरी का भविष्य। राज्य का केंद्र पर दबाव इस आशंका को दूर करने में सहयोगी साबित हो रहा है। हालांकि अभी रिफाइनरी की घोषणा होती है तो इसे ऑपरेशनल होने में पांच-छह साल लगेंगे।
तीन कारण, जिनसे पक्का होता है दावा
विश्वस्तरीय तेल भंडार
कंपनी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक ढाई दशक में सबसे बड़े तेल भंडार के रूप में उभरा मंगला फील्ड। इसे स्ट्रक्चर व उम्र के लिहाज से विश्व स्तरीय तेल भंडार माना गया। केयर्न ने 2009 से उत्पादन शुरू किया और 2011 तक 1.75 लाख बैरल तेल उत्पादन तक पहुंचा, भविष्य में 4 लाख बैरल पहुंच सकता है।
विकास की अपार संभावना
बाड़मेर का यह क्षेत्र विकास के पहले पायदान पर है। जहां पहले से डवलपमेंट अधिक होता है, वहां नए विकास के लिए मशक्कत ज्यादा होती है। नए क्षेत्र में रिफाइनरी व बाय-प्रोडक्ट इंडस्ट्रीज विकसित करने की प्लानिंग आसान है।
सरकार 15 साल में देगी 56 हजार करोड़
>राज्य सरकार रिफाइनरी के लिए 56 हजार करोड़ रुपए देगी।
>3,736 करोड़ रुपए हर साल 15 वर्ष तक दिए जाएंगे।
>सरकार 9,610 बीघा भूमि निशुल्क देगी और पेयजल की व्यवस्था करेगी।
>रिफाइनरी में राज्य की 20 से 25 फीसदी भागीदारी होगी।
बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर बनेगा एनर्जी हब
रिफाइनरी की घोषणा के साथ ही प्रदेश के पिछड़े इलाके बाड़मेर, जैसलमेर की सूरत बदल जाएगी। लिग्नाइट की वजह से बाड़मेर में पहले से ही पावर प्लांट की नींव रखी जा चुकी है, तो विंड पावर की वजह से जैसलमेर देश में अपनी जगह बना चुका है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जोधपुर आगे बढ़ रहा है।
हर तरह से मजबूत है दावा
‘एचपीसीएल-ईआईएल रिपोर्ट ने हमारा दावा मजबूत किया है। अब ओएनजीसी भी हाथ बढ़ा रही है। सरकार शर्ते मानने को तैयार है। सभी पक्ष इतने मजबूत कि रिफाइनरी पर सवाल होना ही नहीं चाहिए।’
पक्ष में फैसला होगा
‘एचपीसीएल की बैठक में सकारात्मक फैसला होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने इसके लिए जरूरी पैकेज पर सहमति दे दी है।
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