राज्य बजट: किसानों के लिए क्या-कुछ ?

badget2जयपुर। चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट पेश करते हुए किसानों ओर कृषि क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा। कृषि और सिंचाई क्षेत्रों के विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के तहत बजट में दिल खोलकर घोषणाएं की गई। किसानों को बिजली के बिल में राहत प्रदान करते हुए सीएम ने घोषणा की है कि बीपीएल परिवारों के साथ उनके बिजली के बिल में भी बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।

अपने बजट भाषण में ब्याज मुक्त ऋण योजना,गेहूं प्रोक्योरमेंट बोनस योजना के साथ मुख्यमंत्री पशुधन नि:शुल्क दवा योजना की महत्ता को गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव रखें।

50 फीसदी अनुदान,75000 बिजली कनेक्शन

सीएम ने बताया कि पिछले चार साल में 2,46,657 कृçष्ा कनेक्शन जारी किए गए। इस दिशा में आगे भी किसानों को सहूलियत प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने कनेक्शन के लिए 50 प्रतिशत राशि विद्युत वितरण कंपनियों को अनुदान के रूप में उपलबध करवाने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही सीएम ने साल 2013-14 में 75 हजार नए कृçष्ा कनेक्शन देने की घोषणा की।

50 हजार हैक्टेयर में फव्वारा सिंचाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 3 सालों में 1.5 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा पद्दति से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करावाई गई। वर्ष 2013-14 में और 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा पद्दति से सिंचाई सुविधा करवाने का प्रस्ताव दिया गया।

जेआईसीए के तहत 200 करोड़ खर्च का प्रस्ताव

जापानीज इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी(जेआईसीए) से पोषित “राजस्थान लघु सिंचाई सुधारीकरण परियोजना” के अन्तर्गत 2013-14 में 43 हजार हैक्टेयर सिंचित क्षेत्र को लाभ पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ रूपए व्यय का प्रस्ताव।

काली सिंध परियोजना के लिए 228 करोड़

काली सिंध वृहद सिंचाई परियोजना के द्वितीय चरण के लिए 228 रूपए का प्रस्ताव। केन्द्र की स्वीकृति के बाद अगले वर्ष कार्य शुरू करने का प्रस्ताव। इससे झालावाड़ और कोटा के 91 गांवों में 14,478 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मुहैया होगी।

पाटन क्षेत्र के लिए 21 करोड़

बांसवाड़ा जिले में माही परियोजना की हरिदेव जोशी नहर से वंचित क्षेत्र तथा पाटन क्षेत्र में 21 करोड़ की लागत से सिंचाई सुविधा जुटाने का प्रस्ताव।

228 करोड़ रूपए की 14 नई सिंचाई परियोजना

1. बूंदी-बड़ा नया गांव
2. चित्तौड़गढ़- मालादेवी
3. झालावाड़- बोरबंद
4. डूंगरपुर- वारडोल का नाका
5. उदयपुर- साबरमती द्वितीय
6-10. भीखाभाई सागवाड़ा नहर 7,8,9,10 और 11
11. जालौर- सावीदार
12. बांसवाड़ा- नाका वाला
13. चित्तौड़गढ़- धांधड़ा
14. उदयपुर- उबापान

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों को खान आवंटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की जोरदार नारेबाजी मामले की जांच किसी भी एजेंसी से कराने की घोषणा पर सदन में शांति हो पाई।
बजट भाषण के दौरान भाजपा का हंगामा

गहलोत के बजट भाषण शुरू करते ही प्रतिपक्ष के सदस्य आसन के सामने आकर शोर शराबा करने लगे और अखबार में छपी खबर की प्रतियां लहराते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर काफी देर तक नारेबाजी करते रहे। हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के तीनों विधायक भाजपा विधायकों के साथ आसन के सामने नहीं आए। करीब दस मिनट हुए शोरशराबे के बीच सदन के नेता गहलोत ने अपना भाषण रोकते हुए कहा कि प्रतिपक्ष के सदस्य कहते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष उठाए गए मसले की जांच करा लें। मैं प्रतिपक्ष के साथियों से अपील करता हूं कि बजट भाषण के बीच में सनसनी पैदा करना और इस तरह की परम्परा ठीक नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि सदन के नेता के जांच करा लेने का आश्वासना देने के बावजूद प्रतिपक्ष के सदस्यों के शोरशराबा और नारेबाजी बंद नहीं करने से अब तो यह स्पष्ट है कि आप सदन को चलाना नहीं चाहते। गहलोत ने कहा कि आरोप मिथ्या और बेबुनियाद है। उन्होंने आसन की तरफ इशारा करते हुए पुन: दोहराया कि आप चाहें जिससे जांच करा लें, चाहें तो प्रतिपक्ष के नेता इस मसले की खुद जांच कर लें और यदि प्रतिपक्ष के नेता पर भी विश्वास नहीं हो तो इससे बड़ा दुर्भाग्य हो ही नहीं सकता।

प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अनियमितता की जांच चाहते हैं तो सदन की कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट बजट सत्र समाप्त होने से पहले सदन में रख दी जाए तो यह मामला निपट सकता है। गहलोत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में अधिकृत कर दिया है और जो फैंसला होगा मुझे मान्य होगा। बीच में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य में रिफाइनरी खोलने का फैसला हुआ है, इसे लेकर हमें सदन में आज जश्न मनाना चाहिए।

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