अजमेर/ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद इब्राहीम फखर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान विघानसभा में पेश किया गया बजट पूरी तरीके से चुनावी बजट प्रतीत होता है। विगत चार वर्षो से अब तक मदरसों में पैराटीचर्स को प्रबोधक बनाकर परमानेट किया जाने का प्रावधान इस बजट में भी नहीं किया गया है। अल्पसंख्यक हितार्थ पिछले बजट मंे पिछड़ी जाति अल्पसंख्यक महिला हॉस्टल खोले जाने की थी। परन्तु आज दिन तक उस महिला हॉस्टर के बारे में कुछ कार्यवाही नहीं की गई। दरगाह विकास के लिए केन्द्र ने करोड़ो रूपये की धोषणा की परन्तु आज दिन तक सतही स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई इसी तरीके से राजस्थान में भी मुख्यमंत्री ने चुनावी वर्ष होने के नाते मात्र 5 करोड़ रूपये की दरगाह विकास की घोषाणा की है। जो कि ऊँट के मुंह में जीरे के बराबर हैं। विगत चार साल में अशोक गहलोत की सरकार ने अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम वर्ग के हितार्थ कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की बल्कि अल्पसंख्यकों से सम्बन्धित हज कमेटी, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग आदि में अध्यक्ष व सदस्यांे की घोषणा करने मंे तीन से साड़े तीन वर्ष का समय लगा दिया । और अल्पसंख्यक वित्त निगम में तो आज तक घोषणा नहीं की गई। जिससे मुसलमानों के लोन हज वक्फ से संबंधित मामलों में आज दिन तक परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही मदरसों में नये पैराटीचर की नियुक्ति अब तक नहीं की गई । सिवाए घोषणाओं के इस सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं किया और इस बजट मंे भी जो घोषणाऐं की गई हैं वो चुनावी घोषणाऐं प्रतीत होती हैं क्यों कि इस वर्ष राज्य में विधानसभा के चुनाव होने है।