थोथी घोषणाएं, सौतेला व्यवहार कर रही सरकार: देवनानी

devnaniजयपुर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज मुख्यमंत्री अषोक गहलोत द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत किये गये इस सरकार के अन्तिम बजट को थोथी घोषणाओं व सौतेले व्यवहार वाला करार देते हुए कहा कि बजट में वेट नहीं घटाकर सरकार ने महंगाई कम होने के आमजन के सपनें को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि बजट में अजमेर की जानबूझकर घोर उपेक्षा की गयी है। अजमेर के मेडिकल कॉलेज के लिए सभी मदों में मात्र 12 करोड़ दिये गये है वहीं अकेले जोधपुर के लिए 42 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है। अजमेर शहर की सबसे बड़ी समस्या पेयजल एवं यातायात व्यवस्था के सुधार हेतु एक रूपये का भी प्रावधान बजट में नहीं करके उन्होंने अजमेर के साथ अन्याय किया है। एक ओर जहंा जोधपुर जैसे शहर की यातायात व्यवस्था के लिए करोड़ो रूपयें का प्रावधान किया गया है परन्तु अजमेर में एलीवेटेड रोड़ के निर्माण की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है।
विधायक देवनानी ने कहा कि बढ़ते अपराधिक ग्राफ को देखते हुए दरगाह नागफणी क्षेत्र में पुलिस चौकी की मांग थी परन्तु यह भी पूरी नहीं की गयी। षिक्षा के क्षेत्र में भी अजमेर की उपेक्षा की गयी है। सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए गत वर्षो की भांति इस बार भी उच्च षिक्षण संस्थानों को दूसरी जगह स्थापित किये जाने की घोषणा की है जबकि तकनीकी विष्वविद्यालय अजमेर में खोला जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सड़को के निर्माण हेतु पूरे प्रदेष में 2 हजार 743 करोड़ की योजना सरकार ने बजट में प्रस्तावित की है परन्तु अजमेर के लिए उसमें एक रूपये का भी प्रावधान नहीं है। बजट में अजमेर का सीवरेज कार्य पूर्ण होने का दावा किया गया है परन्तु अजमेर की जनता यह जानती है कि कहां-कहां पर कितना कार्य पूर्ण हुआ है तथा सिस्टम शुरू होना व ट्रीटमेंट प्लाण्ट का पूर्ण होना तो अभी एक सपना नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि बजट देखकर ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को जोधपुर के सिवाय कोई दूसरा शहर दिखाई ही नहीं देता।
पूर्व षिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने कहा कि सरकार ने एक हजार नये विद्यालय खोलने के साथ ही 2600 विद्यालयों को क्रमोन्नत करने की घोषणा की है जबकि सच्चाई यह है कि अभी संचालित सरकारी स्कूलों में भी ना षिक्षक है ना संसाधन। सरकार ने इस बजट में एक लाख तीस हजार षिक्षा से सम्बंधित पदों के भरने की बात कही है। यह वो सरकार है जिसने अपने बजट भाषण में यह स्वीकार किया है कि पिछले चार साल में सभी विभागों में एक लाख तयालीस हजार नियुक्तियां कुल की गयी है फिर सात माह में यह सरकार एक लाख तीस हजार पदों को कैसे भरेगी। उन्होने इस पर भी आष्चर्य व्यक्त किया कि सदन में पिछले दिनों में मेंरे सवाल के जवाब में सरकार ने यह स्वीकार किया कि पिछले तीन वर्षो तक षिक्षकों की भर्ती के सम्बंध में एक रूपयें का भी बजट प्रावधान नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सात विष्वविद्यालयों के भवन के निर्माण के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया है जिनमें से तीन विष्वविद्यालय हमारी सरकार के कार्यकाल में घोषित हुए थे, तो सरकार चार साल तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे रही तथा उन्होंने सवाल उठाया कि क्या 100 करोड़ में सात भवन निर्माण हो जाऐंगे। उन्होंने कहा कि कोटा, जोबनेर, जोधपुर में कृषि विष्वविद्यालय तथा बीकानेर में तकनीकी विष्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा तो बजट में की गयी है परन्तु इनके लिए स्टाफ व संसाधनों हेतु राषि घोषित नहीं की गयी है।

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