नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विपक्ष के नेता राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने ये तक कह डाला कि बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ जैसे ना हो प्रधानमंत्री का ऐसा तेवर।
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने नौ साल में मनमोहन सिंह को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
लोकसभा में मनमोहन सिंह और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एक दूसरे के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में हल्का बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद सुषमा ने कहा कि उनकी एक शायरी का जवाब वह दो से देंगी और उनका कर्ज नहीं रखेंगी। इस पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी चुटकी ली कि फिर तो उन पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।