अंतरराष्ट्रीय असर – घरेलू स्तर पर किसी तरह की नकारात्मक खबर न आने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मजबूती के संकेत मिलने के चलते ही भारतीय शेयर बाजारों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है। – मिलन बाविशी,
रिसर्च प्रमुख, इनवेंचर ग्रोथ
एंड सिक्युरिटीज
बिकवाली का दबाव नहीं – सरकार की तरफ से और कदम उठाए जाने के साथ ही मार्च की बैठक में रिजर्व बैंक द्वारा पॉलिसी दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद में शेयर बाजारों की यह तेजी अभी जारी रहेगी। उधर, वित्त वर्ष समाप्ति की ओर है और इसके मद्देनजर घरेलू संस्थागत निवेशकों की बिकवाली भी कम होती चली जाएगी। – जी. चोकलिंगम,एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सेंट्रम वेल्थ मैनेजमेंट
ग्लोबल स्तर पर शेयर बाजारों में दर्ज की जा रही रिकॉर्डतोड़ तेजी ने घरेलू बाजारों में भी नया दम भर दिया है। आईटी, बैंकिंग, मेटल, रियल्टी व कैपिटल गुड्स सेक्टर के शेयरों में आई मजबूती के चलते बुधवार को बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक 109.44 अंक की बढ़त दर्ज करते हुए एक सप्ताह के उच्च स्तर 19,252.61 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में मंगलवार को कैलेंडर वर्ष 2013 का 265.21 अंक का सबसे तेज उछाल दर्ज किया गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में भी 34.35 अंक की बढ़त रही और यह 5,800 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए 5,818.60 अंक पर बंद हुआ।
ब्रोकरों के मुताबिक, तिमाही नतीजों व बजट के बीत जाने के बाद अब घरेलू बाजार सीधे तौर पर विदेशी बाजारों से संकेत ले रहे हैं। अमेरिका में मंगलवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.89 फीसदी का उछाल दर्ज करते हुए अपने अब तक के रिकॉर्ड स्तर 14,253.77 अंक पर बंद हुआ।
इससे पहले डाउ जोन्स का रिकॉर्ड बंद स्तर 9 अक्टूबर, 2007 को 14,164.53 अंक का रहा था। उधर, वॉल स्ट्रीट का पीछा करते हुए जापान का निक्केई भी 2.13 फीसदी के उछाल के साथ बुधवार को साढ़े चार साल के उच्च स्तर 11,932.27 अंक पर बंद हुआ।
यह निक्केई का सितंबर, 2008 के बाद का सबसे ऊंचा बंद स्तर रहा।साथ ही, दूसरे एशियाई बाजारों में भी खासी तेजी रही और यूरोपीय बाजार भी दोपहर बाद मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे। डीलरों के मुताबिक, घरेलू स्तर पर रुपये के कमजोर पडऩे की वजह से आईटी सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में लिवाली बढ़ गई।
इसके साथ ही, रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद में ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील माने जाने वाले रियल्टी व बैंकिंग शेयरों में अच्छी लिवाली रही। रिजर्व बैंक की चालू तिमाही की मध्यावधि मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 19 मार्च, 2013 को होने जा रही है।
इनवेंचर ग्रोथ एंड सिक्युरिटीज के रिसर्च प्रमुख मिलन बाविशी ने कहा कि घरेलू स्तर पर किसी तरह की नकारात्मक खबर न आने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मजबूती के संकेत मिलने के चलते ही भारतीय शेयर बाजारों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है।
सेंट्रम वेल्थ मैनेजमेंट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर जी. चोकलिंगम ने कहा कि सरकार की तरफ से और कदम उठाए जाने के साथ ही मार्च की बैठक में रिजर्व बैंक द्वारा पॉलिसी दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद में शेयर बाजारों की यह तेजी अभी जारी रहेगी। उधर, वित्त वर्ष समाप्ति की ओर है और इसके मद्देनजर घरेलू संस्थागत निवेशकों की बिकवाली भी कम होती चली जाएगी।
ग्लोबल स्तर पर देखें तो डाउ जोन्स की रिकॉर्डतोड़ तेजी के मद्देनजर अधिकांश एशियाई बाजारों में बढ़त रही। चीन, हांगकांग, जापान, ताइवान, सिंगापुर व दक्षिण कोरिया के मुख्य इंडेक्स 0.22 फीसदी से लेकर 2.13 फीसदी तक की बढ़त के साथ बंद हुए।
दोपहर बाद के कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भी अच्छी मजबूती देखी जा रही थी। खबर लिखे जाते समय ब्रिटेन के एफटीएसई में 0.39 फीसदी, जर्मनी के डेक्स में 1.10 फीसदी और फ्रांस के सीएसी में 0.23 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार हो रहा था।
घरेलू स्तर पर बांबे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में शामिल 30 में से 18 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 4.60 फीसदी, हिंडाल्को में 3.25 फीसदी, टाटा मोटर्स में 2.88 फीसदी, एलएंडटी में 2.86 फीसदी, टाटा स्टील में 2.59 फीसदी, भेल में 2.19 फीसदी, विप्रो में 1.86 फीसदी, एसबीआई में 1.67 फीसदी, इंफोसिस में 1.56 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 1.15 फीसदी, टीसीएस में 1.14 फीसदी व रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.03 फीसदी की बढ़त रही।
दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर 2.16 फीसदी, एचयूएल का 1.98 फीसदी, आईटीसी का 1.57 फीसदी और मारुति सुजुकी का शेयर 1.21 फीसदी टूट गया।
ग्लोबल हालात – ग्लोबल स्तर पर देखें तो डाउ जोन्स की रिकॉर्डतोड़ तेजी के मद्देनजर अधिकांश एशियाई बाजारों में बढ़त रही। चीन, हांगकांग, जापान, ताइवान, सिंगापुर व दक्षिण कोरिया के मुख्य इंडेक्स 0.22 फीसदी से लेकर 2.13 फीसदी तक की बढ़त के साथ बंद हुए।
दोपहर बाद के कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भी अच्छी मजबूती देखी जा रही थी। खबर लिखे जाते समय ब्रिटेन के एफटीएसई में 0.39 फीसदी, जर्मनी के डेक्स में 1.10 फीसदी और फ्रांस के सीएसी में 0.23 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार हो रहा था।