मुफ्त लैपटॉप के लिए छात्रों में चले बम और पत्‍थर

studentsउत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शनिवार को मुफ्त लैपटॉप के लिए पहले आवेदन जमा करने को लेकर छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई।
प्रदेश सरकार की लैपटॉप वितरण योजना के तहत आवेदन के लिए डीएसडब्ल्यू कार्यालय के सामने लंबी कतार लगी थी। इसी दौरान पहले फार्म जमा करने को लेकर तकरीबन साढे़ ग्यारह बजे ताराचंद और केपीयूसी के दो छात्र भिड़ गए।

देखते ही देखते कुछ युवकों ने केपीयूसी के छात्र की जमकर पिटाई कर दी और वह बुरी तरह से घायल हो गया। लाठी-डंडों से लैस ताराचंद और केपीयूसी छात्रावास के छात्रों ने सीनेट परिसर से लेकर बाहर तक एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

तकरीबन दो घंटे तक चले तांडव के बीच छात्रों ने जमकर पत्थरबाजी की और दहशत फैलाने के लिए बम भी फोड़े। मौके पर पहुंची आरएएफ ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा, तब स्थिति काबू में हुई। मारपीट में एक दर्जन से अधिक छात्र गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। सिर में चोट लगने के कारण कई की हालत गंभीर है।

खास बात यह कि मारपीट के दौरान पुलिस भी मौजूद रही, लेकिन वह दर्शक ही बनी रही। वहीं फोर्स पहुंचने में दो घंटे लग गए। परिसर और छात्रावासों के अलावा आसपास के इलाके में तनाव बना हुआ है। इसके मद्देनजर फोर्स भी तैनात है।

इस लड़ाई में ताराचंद के अंत:वासी छात्र नेता अखिलेश कुमार गुप्ता ‘गुड्डू’ भी उपद्रवियों के हत्थे चढ़ गए। अखिलेश के सिर में काफी चोट आई है तथा शर्ट पर काफी खून भी लगा था। हंगामा करने वालों ने प्रॉक्टर के पास शांति से खड़े छात्र की भी खींचकर जमकर पिटाई की। उपद्रवियों ने पूरे परिसर में जमकर पत्थरबाजी भी की।

इसके बाद भी उपद्रवियों का तांडव शांत नहीं हुआ तथा परिसर से बाहर भी दोनों हॉस्टल के छात्र आमने-सामने आ गए। छात्रों ने देसी बम भी फोड़े। इससे पूरे में क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई तथा लोग इधर-उधर भागने लगे। गौर करने वाली बात यह है कि विश्वविद्यालय के अफसर लगातार फोन करते रहे लेकिन दो घंटे तक फोर्स नहीं पहुंची।

इससे उपद्रवियों को और मौका मिल गया। तकरीबन डेढ़ बजे पहुंची आरएएफ की टुकड़ी ने उपद्रवी छात्रों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इसमें छात्रों के अलावा राहगीर भी घायल हो गए। दोनों छात्रावासों तथा सीनेट परिसर में फोर्स तैनात कर दी गई है।

‘पुलिस चौकी की फोर्स परिसर में मौजूद रहती तो यह घटना होती ही नहीं। शुरू में ही विवाद दूर कर लिया जाता। परिसर में तनाव को देखते हुए फोर्स के लिए जिला और पुलिस प्रशासन को कई बार लिखा गया, लेकिन चौकी में तैनात इंस्पेक्टर और सिपाहियों की भी कहीं और तैनाती कर दी गई है। पुलिस प्रशासन का यह रुख समझ से परे है। मारपीट में दो हॉस्टल के छात्र शामिल रहे। पहचान के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’
– प्रो. माता अंबर तिवारी, चीफ प्रॉक्टर

‘केपीयूसी के घायल छात्र को अस्पताल भेजकर इलाज कराया गया। हम लोगों की प्राथमिकता झगड़ा शांत कराने की थी, इसलिए उपद्रवियों की पहचान नहीं हो पाई। जांच के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।’

error: Content is protected !!