नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी रामसिंह ने सोमवार सुबह तिहाड़ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह पांच बजे उसका शव जेल नंबर तीन में रोशनदान की ग्रिल से लटका पाया गया। जेल सूत्रों का कहना है कि रामसिंह ने अपने कपड़ों की रस्सी बनाकर फांसी लगाई है। रामसिंह के शव को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में रखा गया है। इस मामले की जांच मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है। वहीं, राम सिंह के वकील ने भी सीबीआई जांच की मांग की है।
इस बीच, फोरेंसिक और क्राइम टीम भी तिहाड़ जेल पहुंच चुकी है। रामसिंह के वकील वीके आनंद और उसके पिता ने मामले को साजिश करार दिया है। वहीं, गृह मंत्रालय ने भी 24 घंटे के अंदर तिहाड़ जेल प्रशासन से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है। रामसिंह की आज साकेत कोर्ट में पेशी होनी थी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है, जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी। शीला दीक्षित ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की।
जानकारी के अनुसार राम सिंह को कड़ी निगरानी में जेल नंबर तीन में रखा गया था। उसके साथ तीन अन्य कैदी भी बैरक में थे। उन्हें घटना का पता न लगना भी कहीं न कहीं कई सवाल खड़े कर रहा है। तिहाड़ सूत्रों की मानें तो सुबह करीब पांच बजे रामसिंह को ग्रिल से लटका पाया गया। बताया यह भी जा रहा है कि रामसिंह देर रात तक अपनी बैरक में जगा हुआ था। जेल परिसर के अंदर रामसिंह का शव पाए जाने की सूचना मिलते ही जेल अधिकारियों में हड़कंप मच गई। आनन-फानन में शव को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी सकते में आ गए। प्राथमिक अनुमान ये लगाया जा रहा है कि राम सिंह ने अपनी अंडर वियर के नाड़े से फंदे की रस्सी बनाई थी।
जेल सूत्रों का कहना है कि रामसिंह ने अपने पहने हुए कपड़ों की रस्सी बनाई। इसके लिए उसने अपने अंडरवियर के नाड़े का प्रयोग किया। नाड़े के सहारे उसने अपनी कमीज और पैंट की रस्सी बनाई और गले में फंदा लगाकर झूल गया। हालांकि जेल प्रशासन का यह तर्क किसी के गले नहीं उतर पा रहा है। वारदात को लेकर सवाल उठने की दूसरी वजह फांसी लगाने के स्थान को लेकर भी है। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति पंखे या ऊंचाई वाली किसी चीज से फांसी लगाता है, लेकिन जिस प्रकार रामसिंह ग्रिल से लटका मिला है वह जांच का विषय है।
अन्य आरोपियों की सुरक्षा बढ़ी
गैंगरेप मामले के अन्य आरोपियों पवन, अक्षय ठाकुर, विनय, मुकेश की तिहाड़ जेल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं, बाल सुधार गृह में बंद इस मामले के नाबालिग आरोपी की सुरक्षा पर भी विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस अधिकारियों की मानें तो अन्य आरोपियों की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है। इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
आत्महत्या नहीं कर सकता था रामसिंह
रामसिंह के वकील वीके आनंद का कहना है कि उनका मुवक्किल कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। उनके अनुसार वह रामसिंह से मिलते थे। उसे तनाव में कभी नहीं देखा गया। उधर, रामसिंह के पिता ने कहा है कि उनके बेटे के साथ तिहाड़ जेल में मारपीट होती थी। उन्होंने पुलिस हिरासत में रामसिंह पर ब्लेड से हमला किए जाने का भी आरोप लगाया था।
फोरेंसिक टीम तलाश रही है मौत का सुराग
फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम तिहाड़ की जेल नंबर तीन में रामसिंह की मौत का सुराग ढूंढने में लगी है। अधिकारी यह जांचने में लगे हैं कि क्या रोशनदान की ग्रिल के जरिये फांसी लगाई जा सकती है? रामसिंह जब फांसी लगाने के लिए कपड़ों की रस्सी तैयार कर रहा था तो उसके साथ मौजूद तीन अन्य कैदियों की नजर उसके ऊपर क्यों नहीं पड़ी।
सूत्रों की मानें तो फोरेंसिक एक्सपर्ट जेल के अंदर रामसिंह के फांसी लगाने के पूरे घटनाक्रम का डेमो भी कर सकती है।
जेल नंबर 3 में नहीं थे सीसीटीवी कैमरे
जांच में सामने आया है कि हाईप्रोफाइल मामले के कैदी रामसिंह को सुरक्षित समझे जाने वाली जिस जेल में रखा गया था वहां सीसीटीवी नहीं था। तिहाड़ की बैरकों में हाईप्रोफाइल कैदियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था है। लेकिन रामसिंह की बैरक में सीसीटीवी न होना भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।