सोशल मीडिया के लिए कांग्रेस ने बनाई ये खास रणनीति

shashi tarur 2013-3-11नई दिल्ली। सोशल मीडिया में अपनी पार्टी व सरकार के खिलाफ बढ़ती नकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए कांग्रेस अब इसका माकूल जवाब देने की योजना बना रही है। कांग्रेस सोशल मीडिया में अपने ऊपर हो रहे हर हमले का जवाब देने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री शशि थरूर की अगुवाई में 35 सदस्यीय टीम तैयार कर रही है। थरूर सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग के लिए जाने जाते हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति [एआइसीसी] को अब लगता है कि ट्विटर सिर्फ पार्टी के खिलाफ नकारात्मक पोस्ट करने वालों के लिए नहीं है, बल्कि इसका उपयोग अपने हित में भी किया जा सकता है। पार्टी और उसके नेता सूचनाओं के प्रसार के साथ-साथ दिन के मुख्य मुद्दे पर अपने विचार भी रखेंगे।

सूत्रों के अनुसार इस अभियान में उन नेताओं के ट्विटर एकाउंट का भी उपयोग किया जाएगा, जो इस सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। शशि थरूर उन नेताओं में हैं, जिनके ट्विटर एकाउंट पर लाखों की संख्या में फालोअर्स हैं। एआइसीसी अपने एकाउंट पर पोस्ट करने के बाद थरूर के एकाउंट पर भी रिपोस्ट करेगी। हालांकि यह वही थरूर हैं, जिन्होंने कुछ साल पूर्व अपने एकाउंट पर ‘कैटल क्लास’ जैसा विवादित कमेंट किया था। इस कमेंट के बाद उनकी पार्टी की खूब किरकिरी हुई थी और पार्टी के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी।

सूत्रों के अनुसार, सत्तासीन पार्टी योजना बना रही है कि पार्टी की शाहरुख खान और शबाना आजमी जैसी हस्तियों की तरह सोशल मीडिया में भी लोगों के बीच पकड़ बने। साथ ही, ऐसे कई लोग हैं जो ट्विटर पर सिर्फ लाइक करना पसंद करते हैं उनके माध्यम से भी पार्टी के संदेश को आगे बढ़ाया जा सकता है।

युवा कांग्रेस की आनलाइन मैगजीन ‘युवा देश’ की एक अन्य सोशल मीडिया फेसबुक पर दस लाख से ज्यादा प्रशंसक हैं। थरूर के अलावा दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, अनिल शास्त्री, शकील अहमद और मिलिंद देवड़ा की तरह अन्य ढेर सारे कांग्रेसी नेता ट्विटर पर सक्रिय हैं। इन नेताओं से कहा जा सकता है कि ट्विटर पर एआइसीसी के ट्विट को अपने एकाउंट पर रिपोस्ट करें।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एआइसीसी के संचार और प्रचार विभाग के मुखिया हैं। इस विभाग ने ऐसे 35 लोगों की टीम तैयार करने को कहा है, जिनका काम सोशल मीडिया में जगह बनाने की होगी। यह टीम पार्टी के प्रवक्ता और नेताओं से ज्वलंत मुद्दों के बारे में रिसर्च करने को भी कहेगी। यह विचार दिग्विजय सिंह के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के बाहर एक संस्कार केंद्र चलाते हैं जहां 50 पेशेवर रखे गए हैं जिनका काम ही कांग्रेस के खिलाफ पोस्ट करना और सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करना है।

गौरतलब है कि 128 साल पुरानी कांग्रेस को उस समय सोशल मीडिया की महत्ता समझ में आई, जब पिछले साल अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चले देशव्यापी अभियान को तेज कराने में सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग किया। इसके बाद 16 दिसंबर को दिल्ली में एक फीजियोथैरेपी छात्रा के साथ चलती बस में हुए गैंग रेप के बाद सोशल मीडिया ने रेप के खिलाफ आंदोलन को मजबूती प्रदान की थी।

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