खुला राज, ..तो राम सिंह की मौत ऐसे हुई

ramsingh 2013-3-12नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप पीड़ित के आरोपी राम सिंह के शव का एम्स में पोस्टमार्टम हो गया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से उसकी मौत से जुड़े तमाम सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है। बिसरा रख लिया गया है। शव को परिजन जयपुर ले जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, राम सिंह ने खुदकुशी की थी।

तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगा जान दी है या उसकी हत्या की गई है? राम सिंह किसी गहरी साजिश का शिकार तो नहीं हुआ है? तिहाड़ जेल के अंदर सोमवार सुबह हुई राम सिंह की मौत की गुत्थी उलझती जा रही है। पुलिस जहां इसे खुदकुशी बता रही है वहीं राम सिंह के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है?

राम सिंह का एक हाथ ही काम करता था, ऐसे में वह खुद फांसी का फंदा कैसे तैयार कर सकता है? इतना ही नहीं करीब साढ़े सात फिट ऊंची ग्रिल के सहारे लटककर फांसी कैसे लगा सकता है? इसके अलावा उसकी बैरक में तीन अन्य कैदी भी थे तो उन्हें इस बात का पता कैसे नहीं चला। सबसे बड़ी लापरवाही वाली बात ये है कि सीसीटीवी कैमरों से लैस तिहाड़ में राम सिंह वाली जेल में कोई कैमरा लगा ही नहीं है। व्यक्ति का हाथ ठीक से काम नहीं कर रहा हो वह खुदकुशी कैसे कर सकता है? जेल नंबर 3 में राम सिंह के साथ तीन अन्य कैदी भी बंद थे। राम सिंह ने जब खुदकुशी की तो वह तीनों कैदी कहां थे? उन कैदियों को पता क्यों नहीं चला? राम सिंह के पिता का आरोप है कि कोर्ट में पेशी के दौरान आने पर राम सिंह ने बताया था कि उस पर ब्लेड से हमला हुआ था। उसके शरीर पर ब्लेड से हमले के निशान थे। उसने कहा था कि उसकी जान को खतरा है?

तिहाड़ जेल प्रशासन पर उठी उंगली

तिहाड़ जेल में राम सिंह की मौत के बाद तिहाड़ प्रशासन पर सवाल उठने शुरू हो गये है। वसंत विहार गैंगरेप केस के बाद आक्रोशित जनता राजधानी की सड़कों पर उतरकर दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने की मांग कर रही थी। देश के हाईप्रोफाइल केस के आरोपियों की जेल में भी कई बार पिटाई की खबरें सामने आयी थी। ऐसे में उनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी थी, जिसमें तिहाड़ प्रशासन नाकाम साबित हुआ। मामले की जांच कर रही पुलिस अब उन कैदियों से पूछताछ की कोशिश करेगी जो राम सिंह की बैरक में सजा काट रहे थे। आखिर उन दोनों कैदियों को पता क्यों नहीं चला? पुलिस जांच में राम सिंह की मौत खुदकुशी बता रही है। उसका कहना है कि राम सिंह ने रोशनदान की ग्रिल से लटककर खुदकुशी कर ली। 2012 में 18 कैदियों की कब्रगाह बना तिहाड़ तिहाड़ में कैदियों की मौत का ये पहला मामला नहीं है? इसके पहले भी तिहाड़ में कई कैदियों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। 2012 में तिहाड़ में 18 कैदियों की मौत हुई थी। जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साल 2012 में तिहाड़ जेल में 16 कैदियों की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी जबकि दो कैदियों ने खुदकुशी की थी।

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