लैपटॉप बेच पैसे जुटाने पहुंचे छात्र

LapatopSc 2013-3-13लखनऊ। प्रदेश सरकार ने तकनीक की दौड़ में आगे करने के लिए छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप बांटे, लेकिन कुछ गरीब विद्यार्थी शायद इसका मोल नहीं समझ सके। लैपटॉप वितरण के बाद छात्र घर की बजाय सीधे मार्केट पहुंच गए और लैपटॉप बेचने के लिए कई दुकानदारों से सौदा करने की कोशिश में जुट गए। हालांकि, दुकानदारों ने इसमें हाथ डालने से इन्कार कर दिया।

छात्रों ने मंगलवार को फिर अपना प्रयास दोहराया, लेकिन सफल नहीं हुए। सोमवार को राजधानी में दस हजार छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए गए थे। वितरण के बाद कुछ छात्र लैपटॉप बेचने के लिए नाजा मार्केट पहुंचे। मोहनलालगंज निवासी किसान के एक बेटे ने दुकानदार से कहा कि भइया, नौकरी मिलनी नहीं है, हमें आगे चलकर खेती ही करनी है, तो यह मेरे किस काम का। इसका कितना पैसा दोगे दुकानदार ने मामला सरकार से जुड़ा होने के नाते बाद में आने की बात कहकर टरका दिया। ऐसे ही कई छात्रों ने लैपटॉप बेचने की पेशकश की। सोमवार को लैपटॉप पाने के पहले का कौतूहल और बाद में घरवालों के साथ खुशी बांटने की उत्सुकता विद्यार्थियों के चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन इन्हीं चेहरों में कुछ ऐसे भी थे जो लैपटॉप बेचकर थोड़े-बहुत रुपये का जुगाड़ करने की सोच रहे थे।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ दुकानदारों ने इसकी पुष्टि की है। एक दुकानदार ने बताया कि छह छात्र उनके पास आए थे। दस हजार रुपये तक में लैपटॉप बेचने के लिए तैयार थे, लेकिन उसने साफ मना कर दिया। माध्यमिक शिक्षा सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने बताया कि सरकार ने छात्रों को जो लैपटॉप दिए हैं, उनके कवर पर लोगो लगा है। लैपटॉप ऑन करते ही यह स्क्रीन पर भी दिखाई देता है। इससे ऐसे लैपटॉप की पहचान की जा सकती है। इसके अलावा हर लैपटॉप का एक मशीन नंबर होता है। किस मशीन नंबर का लैपटॉप किस विद्यार्थी को दिया गया है, इसका पूरा रिकॉर्ड विभाग रख रहा है। लैपटॉप की प्राप्ति के एवज में जब किसी छात्र से रसीद ली जा रही है तो उस पर दिए जाने वाले लैपटॉप का मशीन नंबर अंकित है। इस आधार पर यह पता लगया जा सकता है कि बाजार में बेचा गया लैपटॉप किस विद्यार्थी को दिया गया था। मेरी छात्रों से अपील है कि सरकार ने उन्हें जिस मकसद से लैपटॉप दिया है, छात्र उसी प्रयोजन के लिए उसका इस्तेमाल करें। उसे बाजार में न बेंचे।

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