नई दिल्ली। आज कैबिनेट से एंटी रेप बिल को हरी झंडी मिल जाएगी। सहमति से सेक्स की उम्र 16 साल करने पर मंत्रिमंडल समूह में एकराय बन गई है। इसके साथ ही मंत्रिमंडलीय समूह ने किसी महिला का पीछा करने और अश्लील इशारा करने को गैरजमानती अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला किया है।
मंत्रिमंडलीय समूह के सिफारिशों के साथ संशोधित रूप में अपराध कानून संशोधन विधेयक पर गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लग सकती है। सरकार के भीतर सहमति के बाद अब इस मुद्दे पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों को मनाने की कोशिश की जाएगी।
अपराध कानून संशोधन विधेयक पर मंत्रियों के बीच तीखे मतभेदों के कारण मंगलवार को मंत्रिमंडल में कोई फैसला नहीं हो पाया था। मतभेद दूर करने की जिम्मेदारी पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय समूह को सौंपी गई थी। बुधवार को दूसरी बैठक में सहमति से सेक्स की उम्र 18 से घटाकर 16 साल करने पर आमराय बन गई। जबकि पहले महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ इसका जमकर विरोध कर रही थी। इसके साथ ही मंत्रिमंडलीय समूह ने रेप को लिंगीय तटस्थ बनाने की बजाय इसे महिलाओं के खिलाफ अपराध के तौर पर परिभाषित करने का फैसला किया है। जबकि गृह मंत्रालय इसे लिंगभेद से दूर रखने के पक्ष में था।
वहीं मंत्रिमंडलीय समूह ने महिलाओं के खिलाफ छोटे अपराधों के लिए भी कड़ी सजा का पक्ष लिया है। इसके तहत महिला का पीछा करने और अश्लील इशारे करने जैसे अपराध को गैरजमानती श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है। माना जा रहा है कि गुरुवार को मंत्रिमंडल में इन संशोधनों के साथ अपराध कानून संशोधन विधेयक को हरी झंडी मिल जाएगी। लेकिन असली समस्या अगले हफ्ते संसद में इसे पास कराने में होगी। यही कारण है कि सरकार ने पहले ही इस मामले में आम सहमति बनाने की कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को सर्वदलीय बैठक में सरकार राजनीतिक दलों को मनाकर इसे 22 मार्च से पहले संसद में पास कराने की पूरी कोशिश करेगी।