जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति एवं पारम्परिक वनवासियों को वन अधिकार पट्टे देने में भारी शिथिलता कर रही है। कटौती प्रस्ताव के प्रत्युत्तर में बताया गया कि 64610 दावों में से मात्र 32770 प्रकरणों में अधिकार पत्र जारी किए गए हैं। 75 वर्ष तक सतत रहवास के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की शर्त अव्यावहारिक है। इस कारण कई वनवासियों को अधिकार पत्र नहीं मिल पा रहे हैं।
राज्य सरकार ने यह भी बताया कि ब्यावर गौमती चौराहा उदयपुर सड़क चौहरीकरण परियोजना को वन विभाग का अनाप्ति पत्र अभी तक नहीं मिला है। बिना अनाप्ति पत्र के इस परियोजना का शिलान्यास करना जनता को मूर्ख बनाना ही है।
राज्य में वन औषधियों की उपज बढ़ाने में भी सरकार विशेष प्रयास नहीं कर रही है। मात्र दो स्थान, उदयपुर में बांकी वन क्षेत्र एवं जयपुर में विश्व वानिकी उद्यान में औषधीय पौधों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।
किरण ने मांग की कि प्रत्येक जिले में एक वनौषधि उद्यान स्थापित कर वनौषधियों की उपज बढ़ाने का अभियान चलाया जाए।