पाक हिंदुओं को शरणार्थी का दर्जा न देने से निराशा

haf-disappointed-with-refusal-of-refugee-status-to-pak-hindusवाशिंगटन। पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले हिंदुओं को भारत द्वारा शरणार्थी का दर्जा देने से इन्कार करने पर अमेरिका स्थित हिंदू अमेरिकन फांउडेशन [एचएएफ] ने निराशा व्यक्त की है। पाकिस्तान से आए हिंदुओं को शरणार्थी न मानने की घोषणा लोकसभा में गृह राज्यमंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने पिछले शुक्रवार को की थी। हाल ही में जोधपुर में पाकिस्तानी हिंदुओं के शिविरों का दौरा करके आए एचएएफ के निदेशक और मानवाधिकारों के वरिष्ठ शोधार्थी समीर कालरा ने कहा कि उत्पीड़न और भेदभाव सहने के बावजूद भारत द्वारा पाकिस्तानी हिंदुओं को शरणार्थी दर्जा देने से इन्कार करने का फैसला पूरी तरह असंगत है। उन्होंने आरोप लगाया कि आधिकारिक रूप से शरणार्थी दर्जा या नागरिकता के अभाव में ये पाकिस्तानी हिंदू किसी भी देश के नागरिक नहीं हैं। ऐसे में ये भारत में न तो स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं न ही कोई नौकरी कर सकते हैं। यह सरकार द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं भी नहीं ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदुओं ने हाल के कुछ वर्षो में भारत में शरण ली है। ये लोग मुख्य रूप से सिंध प्रांत से हैं। अनुमान है कि हर साल लगभग एक हजार प्रवासी राजस्थान आ जाते हैं।

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