जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अधिकांश विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा ही नहीं कराती है। चर्चा में उठाए गए विषयों पर संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जाता है। बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र की अवधि भी 18-20 दिन ही रखी जाती है। बिना चर्चा के विधेयकों का पारित करना कांग्रेस की शैली बन गई है। यह लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है।
किरण ने कहा कि खान आवंटन में पक्षपात एवं भ्रष्टाचार पर जांच समिति बनाने के आश्वासन से सरकार पीछे हट गई। बजट सत्र को केन्द्र की तरह दो भागों में करके समितियों में विभागीय प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा के सुझाव को भी अमान्य कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी की पूरी सोच तात्कालिक एवं सांकेतिक राहत देकर जनता को भ्रमित करना एवं दीर्घकालीन विकास की उपेक्षा करना हो गई है।
किरण ने कहा कि नौकरशाही की मनमानी पर सत्ता पक्ष के कई विधायकों एवं मंत्रियों ने भी गहरी व्यथा प्रकट की है। किन्तु कांग्रेस नेतृत्व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा एवं अपमान को ही शासन का आधार मानता है। बजट पर सार्थक चर्चा एवं राज्य के विकास के संकल्प के प्रति मंत्रियों की अरूचि लोकतंत्र की महत्ता को कम करेगा।