
छतरपुर। बुन्देलखंड में खनिज विभाग द्वारा सम्पन्न कराई गई गौड़ खनिज नीलामी पर अंतत: आयकर विभाग ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर अधिकारी मलखान ङ्क्षसह ने अपने विभाग से खनिज अधिकारी को इस बावत एक पत्र भेजा है। नीलामी में भाग लेने वाले सभी ठेकेदारों की जानकारियां आयकर विभाग द्वारा अपने निर्धारित प्रपत्र में मांगी गई हैं। खनिज अधिकारी को पत्र में 31 मार्च 2013 के पूर्व उक्त संपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है। इस पत्र की एक प्रति जिला कलेक्टर को भी भेजी गई है। आयकर विभाग की इस कार्यवाही से जहां खनिज विभाग के अधिकारी हलाकान हैं वहीं नीलामी में भाग लेने वाले ठेकेदारों की भी हवाईयां उड़ी हुई हैं। दरअसल खनिज विभाग की यह नीलामी पिछले तीन-चार दिनों से माफियाओं द्वारा लगाए गए कालेधन को लेकर सुर्खियों में थी।
आयकर अधिकारी मलखान सिंह के कार्यालय से खनिज विभाग को जारी हुए पत्र में आयकर विभाग का एक प्रपत्र भी संलग्र किया गया है जिसमें बोली में भाग लेने वाले सभी लोगों की जानकारियां मांगी गई हैं। रेत खदान का नाम, किस लाक में स्थित है तथा उक्त खदान की अपसेट राशि के साथ ही इसके लिए किन-किन बोलीदारों ने कितनी-कितनी राशि तक बोली लगाई। बोलीदारों के नाम, उनका पेन कार्ड तथा सफल बोलीदार की अंतिम बोली एवं जमा कराई गई राशि का विवरण प्रपत्र में आयकर विभाग ने मांगा है। सभी खदानों के लिए इसी तरह की संपूर्ण जानकारियां भरकर खनिज विभाग को 31 मार्च के पहले आयकर विभाग के कार्यालय को पहुंचानी होगी।
उल्लेखनीय है कि छतरपुर जिले में सम्पन्न हुई रेत खदानों की नीलामी में करोड़ों रूपए काले धन के रूप में लगाए जाने की खबरें सामने आ रही थीं। इस तरह की सूचनाएं आयकर विभाग के जिला कार्यालय से लेकर प्रदेश कार्यालय तक भी पहुंची जिस पर आयकर विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए यह कदम उठाया है। प्राथमिक दृष्टि से आयकर विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि रकम का जो आंकड़ा नगद रूप में ठेकेदारों द्वारा नीलामी में जमा कराया गया, वह कहीं न कहीं कानूनी जांच के घेरे में हैं। मीडिया में भी रेत खदानों की नीलामी को लेकर कालेधन की आशंकाएं प्रमुखता से प्रकाशित हुई हैं। अमानत रूप में जमा हुई करोड़ों रूपए की राशि की प्रमाणिकता पर मीडिया ने भी प्रश्र चिन्ह लगाए हैं जिसको लेकर आयकर विभाग के उच्च अधिकारी हरकत में आए और आज आयकर विभाग द्वारा खनिज विभाग के लिए पत्र जारी किया गया जिसकी प्रति छतरपुर कलेक्टर को भी भेज दी गई है।
आयकर विभाग से संबंधित जानकार बताते हैं कि खनिज विभाग के लिए इनकम टेक्स ऑफिसर ने जो प्रपत्र जानकारी भरने के लिए भेजा है उससे रेत नीलामी में बोली लगाने वाले ठेकेदारों के धन की सम्पूर्ण तस्वीर साफ हो जाएगी। आयकर विभाग की इस कार्यवाही से उन ठेकेदारों में भी हड़कम्प है जिन्होंने प्रशासन की लचर व्यवस्था का लाभ उठाते हुए रेत खदानों की नीलामी में जमकर कालेधन का इस्तेमाल किया। अन्य प्रदेशों के दिग्गज माफिया पर्दे के पीछे से इस नीलामी में शामिल थे और उनके द्वारा नगद रकम ऐसे लोगों के नाम से बोली में लगाई गई जो संभवत: आयकर विभाग की नजरों से अब बच नहीं पाएंगे। ठेकेदारों में हड़कम्प मचा हुआ है तथा खनिज अधिकारी भी अब जमा नगद रकम को लेकर परेशान हैं।
आयकर विभाग ने अंतत: खनिज विभाग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। रेत खदानों की नीलामी में भाग लेने वाले सभी ठेकेदारों की जानकारियां आयकर विभाग ने मांगी है जिसे लेकर खनिज विभाग एवं जिला प्रशासन चिंतित है। उन ठेकेदारों की भी हवाईयां उड़ी हुई हैं जिन्होंने रेत खदानों की नीलामी में जमकर कालेधन का इस्तेमाल किया। आयकर विभाग ने जिला कलेक्टर से भी अनुरोध किया है कि प्रशासन द्वारा आबकारी नीलामी, तालाबों की नीलामी अथवा अन्य विभागों की नीलामियों से संबंधित जो भी टेण्डर विज्ञापन प्रकाशित कराए जाते हैं उसकी जानकारियां प्रकाशन के साथ ही आयकर विभाग में भेजी जाएं। कालेधन का यह खेल संभवत: छतरपुर ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी चल रहा है जहां अब तक आयकर विभाग की नजरें नहीं पहुंची हैं।
अनूप तिवारी
छतरपुर