बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा जल्द

nitish kuma rनई दिल्ली। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहिम सफल होती दिख रही हैं। केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि जल्दी ही वह राज्यों का पिछड़ापन तय करने वाले मानकों में बदलाव कर देगी। इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है और अगले दो महीने में इस संबंध में ठोस नतीजे दिख सकते हैं।

इसी महीने नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली में विशाल रैली की थी। बिहार के मुख्यमंत्री लगातार मांग कर रहे हैं कि केंद्र राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देकर उसे दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में वृद्धि करे। इसके लिए नीतीश ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी।

सरकार की मंशा अब किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की नहीं है, बल्कि सरकार राज्यों का पिछड़ापन तय करने वाले मानकों को ही बदलना चाहती है। सरकार का मानना है कि केवल पहाड़ी राज्य या अंतरराष्ट्रीय सीमा लगना ही पिछड़ेपन का मानक नहीं हो सकता। अब जरूरत स्वास्थ्य, शिशु मृत्यु दर, प्रसव के दौरान होने वाली मौतें और राज्य की प्रति व्यक्ति आय को मानकों में शामिल करने की है। मानकों में बदलाव के बाद बिहार के साथ-साथ ओडिशा, झारखंड, गोवा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पिछड़े राज्यों की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं। वित्त मंत्री ने 28 फरवरी को संसद में पेश अपने बजट में भी इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार पिछड़ेपन के मानकों को बदलने पर विचार कर रही है। वैसे इससे पहले भी चिदरंबरम संसद में चर्चा के दौरान यह भरोसा दे चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब सरकार ने इस पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। संकेत हैं कि अगले दो महीने में सरकार नए मानकों की घोषणा कर सकती है।

इसके साथ ही सूत्रों ने बताया है कि कर्ज में फंसे पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब को वित्त आयोग थोड़ी राहत दे सकता है।

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