दिग्विजय सिंह ने सत्ता के दो केंद्र के बहाने पीएम को बताया कमजोर

digvijay singhनई दिल्ली। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन देखने के इच्छुक कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सोमवार को फिर अपने मन की बात एक तरह से उजागर कर दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा संप्रग में सत्ता के दो केंद्र होने का प्रयोग कारगर साबित नहीं हुआ। उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन की तरफ था। अपनी दिल की बात बड़ी साफगोई से करते हुए दिग्विजय ने राहुल गांधी को सलाह दी कि अगर अगले आम चुनाव में पार्टी को बहुमत मिलता है तो वह (राहुल) किसी और को प्रधानमंत्री पद के लिए मनोनीत न करें। उनका साफ कहना था कि अगर बहुमत मिले तो राहुल गांधी को खुद प्रधानमंत्री बनना चाहिए।

एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने अपनी उपरोक्त ख्वाहिश उजागर की। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी ने कभी भी मनमोहन सरकार के कामकाज में कोई दखलंदाजी नहीं की है। लेकिन कांग्रेस महासचिव यह कहने से नहीं चूके कि सत्ता के दो केंद्र का फार्मूला सफल साबित नहीं हुआ। बकौल दिग्विजय, निजी तौर पर मेरा मानना है कि यह मॉडल ठीक ढंग से काम नहीं कर पाया। सत्ता के दो केंद्र नहीं होने चाहिए। मेरी राय में जो कोई भी प्रधानमंत्री हो वह अधिकार पूर्वक काम कर सके।

उनसे जब पूछा गया कि क्या राहुल गांधी भी 2014 के आम चुनाव के बाद अपनी मां के नक्शेकदम पर ही चलेंगे। इस पर दिग्गी राजा का कहना था, मैं महसूस करता हूं कि अगर कांग्रेस या उसके गठबंधन को बहुमत मिलता है तो राहुल गांधी को पीएम बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इतने परिपक्व हैं कि वह गठबंधन की जटिलताओं से पार पाने में सक्षम साबित होंगे। वैसी स्थिति में सोनिया गांधी भी उनकी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगी।

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