अन्ना के विरोध में वैज्ञानिक विचारों की कमी: काटजू

katjuनई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए रामलीला मैदान में आंदोलन और प्रदर्शन करने से कुछ हासिल नहीं होगा। महज दो महीने में लोग सब भुला देते हैं। उन्होंने कहा कि समाजसेवी अन्ना हजारे के विरोध प्रदर्शन में वैज्ञानिक विचारों की कमी है। उन्होंने कहा कि अगले 20 साल तक देश से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। काटजू ने कहा कि भारत के लोग मतदान के दौरान भेड़ चाल अपनाते हैं। ऐसे हालात में जहां कुछ राजनीतिक घरानों ने लोकतंत्र को कब्जे में कर रखा हो, वहां मतदान करना अर्थहीन है। उन्होंने कहा कि ऐसे में वह मतदान नहीं करना चाहते।

उन्होंने कहा कि 90 फीसद भारतीय जाति और धर्म के नाम पर भेड़-बकरियों की तरह झुंड बनाकर मतदान करते हैं। लोकतंत्र को इस तरह नहीं चलाया जाता है। इसी कारण कई अपराधी संसद तक पहुंचने में सफल हो जाते हैं। देश का लोकतंत्र अब भी बदलाव के दौर से गुजर रहा है और कुछ राजनीतिक परिवारों का इस पर कब्जा है।

काटजू ने कहा कि मैं अपना वोट जाया नहीं करना चाहता। इसलिए मतदान नहीं करूंगा। वैसे भी मेरे अकेले के वोट से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और अगर इस वजह से लोग उन्हें कांग्रेसी कहना चाहें तो कह सकते हैं।

अभिनेता संजय दत्त का बचाव करते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘अगर आपके घर पर 100 लोगों की भीड़ हमला कर दे तो क्या एक पिस्तौल पर्याप्त होगी। संजय ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक आटोमैटिक गन हासिल की। विवादित ढांचा गिराए जाने के कारण हुए दंगों के दौरान दत्त परिवार को धमकियां मिल रही थीं। वैसे भी वह काफी सहन कर चुके हैं। मैं संजय दत्त और जैबुनिस्सा को माफी दिलाने के लिए राष्ट्रपति को याचिका भेजूंगा।’

error: Content is protected !!