अंग्रेजी शिक्षा विकास के नये द्वार खोले

2-4-2013 जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ए.ए. खान दुर्रूमियां ने कहा है कि अल्पसंख्यक विधार्थियों को उर्दू, हिन्दी, अरबी की शिक्षा के साथ अंग्रेजी शिक्षा देना भी जरूरी है।  तकनीकी, विज्ञान और विभिन्न क्षेत्रों में अंग्रेजी शिक्षा का अहम स्थान है। अंग्रेजी शिक्षा से विकास के नये द्वारा खुलने आसान हो जाते हैं।

खान मंगलवार को यहां होटल इंडियाना प्राइड में तरक्की आई फाउण्डेशन, नई दिल्ली, अमेरिकन एम्बेसी और मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘मदरसा शिक्षा में अंग्रेजी भाषा अध्यापन की दक्षता’ विषयक 10 दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस्लाम में शिक्षा को बहुत अहमियत दी गई है। प्रदेश में 1995 में मिल्ली कौंसिल के प्रयास से मदरसा शिक्षा 2-4-2013 02में आधुनिकीकरण के प्रयासों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गतिशील बनाने के लिए मदरसा बोर्ड की स्थापना की। इसी का परिणाम है कि पंजीकृत मदरसों की संख्या 66 से बढकर 3500 तक पंहुच गई है और वहां दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जा रही है।

खान ने कहा कि मदरसों में आधुनिक एवं कम्प्यूटर शिक्षा देने से अल्पसंख्यक समाज में लघु क्रांति आई है। अनपढ़ अभिभावक भी अपने बच्चों को शिक्षा देने में आ रहे हैं। आने वाले समय में इससे अल्पसंख्यक सामाजिक, आर्थिक और व्यवसायिक स्तर पर तेजी से सफलता हासिल कर सकेंगे। पिछले 20 सालों में महिला शिक्षा को भी प्रोत्साहन मिला है।

उन्होंने कहा कि  प्रतिस्पर्धा युग में अंग्रेजी शिक्षा जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनती जा रही है और यह अन्तर्राष्ट्रीय भाषा है, जिसके बिना विज्ञान तकनीकी और सूचना प्रोद्यौगिकी में सफलता पाना संभव नही है। आशा है इस कार्यशाला के माध्यम से दक्ष और अनुभवी अंग्रेजी शिक्षक मिल सकेंगे।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मौलाना फज्ले हक ने कहा कि जिस प्रकार अरबी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली भाषा है उसी प्रकार अंग्रेजी सबसे अधिक पढ़ी, समझी और अमल में लाये जाने वाली भाषा है। इस कार्यशाला के जरिये मदरसों में भी उच्च स्तर की अंग्रेजी शिक्षा का अध्ययन संभव हो सकेगा।

उन्होंने बाताया कि मदरसा बोर्ड के जरिए राज्य सरकार प्रदेश के मदरसों मंे आधुनिक शिक्षा देने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकरण योजना के लिए अब राशि 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ की दी गई है। हर शहर में लड़कियों के लिए भी 1-1 आधुनिक मदरसे और छात्रावासों की सुविधा देना सुनिश्चित किया गया है।

राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फस के चेयरमैन लियाकत अली खां ने कहा कि परम्परागत शिक्षा के साथ तकनीकी स्तर पर स्वीकृत और विश्व स्तर पर अपनाई गई अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अर्जित करना जरूरी है। इसी से प्रगति की राह आसान होगी। हमें अपने बच्चों के विकास के लिए मुस्तैदी से जुटना होगा। मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम अख्तर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. राशिद नेहल, और तरक्की फाउण्डेशन के निदेशक आमिर आबिदी ने इस कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

2-4-2013 03प्रारम्भ में ‘रेलो’ की सीनियर फैलो कोनी ग्रीनलीफ ने कहा कि अंग्रेजी विश्व भाषा तो है ही, साथ ही इसका ज्ञान अर्जित करके व्यक्ति जीवन में रोजगार, व्यवसाय और सामाजिक स्तर पर उन्नति कर सकता है। यह पाठ्यक्रम शिक्षकों में नये दृष्टिकोण के साथ अद्यतन शिक्षा प्रदान करेगा। इसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को मिल सकेगा।

कार्यशाला के सहसमन्वयक एवं ‘तरक्क़ी आई फाउन्डेषन‘ के डायरेक्टर आमीर आबिदी ने इस कार्यशाला मे इस्तेमाल किये जाने वाले प्रशिक्षण की पद्वति के बारे मे बताते हुए कहा की कार्यशाला मे प्रशिक्षकों मे प्रशिक्षुओ के बीच सर्वोतम तकनीक का स्तेमाल किया जायेगा। किसी भी सस्था मे संसाधन बनाने पर बहुत जोर दिया जाता है जबकि इसके विपरित अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक की टेनिग पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।

प्रशिक्षु इस कार्यशाला मे शिक्षार्थी केन्द्रित तरीकों का स्तेमाल करते हुए अग्रेजी जबान को और अधिक प्रभावी तरीके से समझने मे सार्थक होगे। जिससे ये प्रशिक्षु अपने मदरसे के लिए एक महान शैक्षिक संसाधन बन कर मदरसा और अपने साथी अध्यापकों को फायदा पहुँचा सकेगे।

कार्यशाला के सहसमन्वयक एवं मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी, जोधपुर के महासचिव मो. अतीक ने कहा कि इस नई पद्धति को अपनाने और दक्ष अंग्रेजी शिक्षकों के प्रशिक्षण से नई पीढ़ी को अप्रत्याशित लाभ होगा और वे समाज में पिछड़ेपन से छुटकरा पाकर आधुनिक युग के हिस्सेदार बन सकेंगे।

इस कार्यशाला में चैन्नई, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, राजस्थान सहित 10 राज्यों के 25 शिक्षक अंग्रेजी शिक्षा के सघन अध्यापन पाठ्यक्रम से रूबरू होंगे।

1 thought on “अंग्रेजी शिक्षा विकास के नये द्वार खोले”

  1. By this education will definitely uplift…

    Because Teachers are Best …then they deliver their best.

    Rgds
    Adnan Buland Khan
    Sr.Engineer.

Comments are closed.

error: Content is protected !!