‘तेजस’ 2015 से पहले नहीं होगा तैनात

air line tejasजयपुर। ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाले स्वदेशी विकसित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ की राजस्थान के फलोदी एयरबेस में 2015 से पहले तैनाती संभव नहीं है। अगले साल के अंत तक इसकी पूरी ऑपरेशनल एफओसी मिलने के बाद ही परिचालनात्मक तैनाती के लिए तैयार समझा जाएगा। यह वायुसेना में मिग-21 की जगह लेगा।

पिछले 30 वर्षो से ‘तेजस’ पर कार्य चल रहा है। अगस्त, 1983 में इसकी स्वीकृति मिली थी और विभिन्न प्रक्रियाओं और उड़ानों के बाद भी योजना पूरी होने में सात वर्ष से देरी हो रही है। इसकी पूरी स्वीकृति दिसम्बर 2008 तक मिलनी थी, लेकिन अब मार्च, 2015 तक इसके पूर्ण परिचालन को स्वीकृति संभव है।

हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड की ओर से इसका निर्माण करवाया जा रहा है। वर्तमान में फास्ट ट्रैक से कार्य चल रहा है ताकि तय समय सीमा में इसका कार्य हो जाए। लेह में पिछले दिनों इसके परीक्षण में इंजन ज्यादा दूरी पर कार्य नहीं कर पाया। इन तमाम समस्याओं को दूर करते हुए अब इसके एफओसी पर ध्यान दिया जा रहा है। एफओसी अंतिम मंजूरी है, जिसके बाद विमान को वायुसेना में परिचालनात्मक तैनाती के लिए तैयार समझा जाता है।

‘तेजस’ की विशेषताएं

यह लड़ाकू विमान फ्लाई वाई वायर तकनीक से लेस है। ‘तेजस’ के नाक के सामने वाले खोल में रडार लगा है, जिसमें कई विशेष कमरे है जो प्रति सैकण्ड एक हजार फ्रेम ले सकते है। इन कैमरों से मिसाइल और बमों के मार्ग पर नजर रखी जाती है क्योंकि उनके रास्ता भटकने पर तबाही हो सकती है। यह विमान 500 किलो तक के बम और मिसाइल ले जा सकता है।

गौरतलब है कि राजस्थान का फलोदी एयरबेस वायुसेना के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ‘तेजस’ की यहां तैनातगी से देश की सुरक्षा में एक ओर अध्याय जुड़ेगा। पाकिस्तान की सीमा यहां से कुछ ही दूरी पर है।

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