लंदन। आयरलैंड में गर्भपात से इन्कार करने पर दम तोड़ने वाली भारतीय मूल की डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार के पति प्रवीण की आंखों से इस केस की सुनवाई के दौरान आंसू छलक आए। उन्होंने नम आंखों से उस घटनाक्रम के सूत्र जोड़े जिसके चलते उन्हें अपनी पत्नी को खोना पड़ा। दस सदस्यीय ज्यूरी ने इस केस की सुनवाई सोमवार को ही शुरू की है।
45 मिनट के बयान में में प्रवीण ने बताया कि कैसे सविता ने अस्पताल में दर्द से कराहते हुए दो बार गर्भपात करने को कहा था। इतना कहते हुए वह अपने को रोक नहीं सके और रो पड़े। इस पर अदालत की कार्यवाही कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी। प्रवीण ने बताया कि डॉक्टर उस दिन नहीं आया। सुनवाई के दौरान अदालत परिसर खचाखच भरा था।
प्रवीण ने बताया कि उन दोनों ने 23 अक्टबूर, 2012 को डॉ कैथरीन एस्टबरी से गर्भपात करने को कहा था, लेकिन एस्टबरी ने यह कहते हुए गर्भपात से इन्कार कर दिया था कि भ्रूण में अब भी जान है। अगले दिन फिर उन्होंने गुहार लगाई। फिर जवाब मिला कि यह कैथोलिक देश है। वह ऐसा नहीं कर सकतीं। उन्होंने ये दलीलें भी नहीं सुनीं कि वह हिंदू हैं।
गौरतलब है कि गाल्वे यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में 28 अक्टूबर को सविता की मौत हो गई थी। भारत में आक्रोश के बाद आयरलैंड में नए गर्भपात कानून बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था। उन्होंने बताया कि सविता ने आखिरी बात यही कही थी कि क्या उनके मां-बाप उन्हें सुरक्षित भारत वापस ले जा सकते हैं?
हफ्ते भर चलने वाली सुनवाई के दौरान ज्यूरी पर मौत का कारण पता लगाने की जिम्मेदारी है। ज्यूरी ने सुनिश्चित किया है कि उसे 67 बयान मिल चुके हैं। इनमें 53 अस्पताल स्टाफ के हैं। बाकी आठ पुलिसकर्मियों और चार पैथोलॉजिस्ट के हैं।