नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक 10 वर्षीय नाबालिग रेप पीड़िता को पुलिस द्वारा हवालात में डालने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि रविवार, 7 अप्रैल को बुलंदशहर के एक गांव की 10 वर्षीय बच्ची दुकान से कुछ सामान लेने गई थी। गांव के ही हरेंद्र उर्फ बौना ने उसके साथ रेप किया। पुलिस गांव पहुंची, लेकिन आरोपी फरार हो चुका था। बच्ची का मेडिकल कराने के लिए नगर कोतवाली लाया गया। रात अधिक हो गई थी। इसलिए बच्ची को महिला थाने भेज दिया गया। मगर महिला थाने में उसे सलाखों के पीछे डाल दिया गया।
नियम के मुताबिक, किसी बाल अपराधी को भी न तो हथकड़ी लगा सकते हैं और न उसे हवालात में डाल सकते हैं। यहां तो बच्ची खुद पीड़ित है।