अस्पताल की खामियों ने ली थी सविता की जान

systems-failures-behind-the-savita-halappanavar-deathलंदन। भारतीय मूल की डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार की मौत के मामले की सुनवाई के दौरान डॉक्टर कैथरीन एस्टबरी ने स्वीकार किया कि आयरलैंड के गाल्वे यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में कई व्यवस्थागत खामियां थीं। इसी वजह से मरीज की जान गई। इसी अस्पताल में गर्भपात करने से इन्कार के कारण उनकी मौत हो गई थी।

मामले की सुनवाई के तीसरे दिन डा. कैथरीन ने बताया वह खून की जांच की असामान्यताओं से परिचित नहीं थीं। उन्होंने कहा कि भ्रूण बिगड़ने के बाद तो जांच नियमित रूप से होनी चाहिए थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने कैथोलिक देश होने का तर्क देते हुए सविता का गर्भपात करने से इन्कार कर दिया था।

हालांकि, कैथरीन ने इससे इन्कार करते हुए कहा, वह खतरे से बाहर थीं। मैंने धर्म का हवाला नहीं दिया। इस बीच, सविता के वार्ड की एक नर्स ने बताया कि अस्पताल की आंतरिक जांच के दौरान सविता की फाइल पर कुछ अतिरिक्त नोट भी डाले गए थे।

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