कानपुर। जिस महिला के अपहरण, हत्या व लाश गायब करने का मामला ककवन पुलिस ने दर्ज किया था, गुरुवार को वह एसएसपी कार्यालय जा पहुंची। साहब, नहीं मिले तो सीओ को अपने जिंदा होने का सबूत देते हुए भाई व रिश्तेदारों के खिलाफ दर्ज मामला खत्म करने के लिए फफक पड़ी।
बिल्हौर के बेदीपुर निवासी लक्ष्मी प्रभा की शादी ककवन के नदीहा बुजुर्ग में राजेंद्र कुमार संग हुई थी। दस वर्ष पहले पति का देहांत होने के बाद कोई संतान न होने से ससुराल वाले लक्ष्मी के पति के हिस्से की जमीन हड़पना चाहते थे। परेशान होकर लक्ष्मी ने 23 मार्च 2011 को पति के हिस्से की जमीन का बैनामा बिठूर के फत्तेपुर निवासी कुसमा देवी व पदमा देवी के नाम कर दिया और ससुराल में उत्पीड़न से तंग आकर मंधना के शादीपुर में आकर बहन मीरा पांडेय के यहां रहने लगीं। उधर, जमीन बेचने से नाराज जेठानी उर्मिला ने कुसमा देवी, पदमा देवी, उनकी जेठानी विंध्यवासिनी, भाई प्रभाकांत व जयचंद गुप्ता के खिलाफ लक्ष्मी का अपहरण कर हत्या व लाश गायब करने का प्रार्थना पत्र दे दिया।
न्यायालय के आदेश पर ककवन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसका पता चलने पर आरोपी लक्ष्मीप्रभा को लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे। सीओ अंकिता सिंह ने लक्ष्मी को जिंदा देख ककवन पुलिस को लापरवाही पर फटकार लगाई। ककवन पुलिस ने झूठा मुकदमा लिखाने वाली महिला पर कार्रवाई की बात कही है।