राष्ट्रीय खेल घोटाले में भी आया कलमाड़ी का नाम

kalmadiरांची। चौतीसवें राष्ट्रीय खेल घोटाले की गाज भारतीय ओलंपिक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर भी गिर सकती है। घोटाले की जांच कर रहे निगरानी ब्यूरो को पत्र लिखकर एक आरोपी ने कहा है कि झारखंड में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में उपकरण खरीद का निर्णय झारखंड ओलंपिक संघ या आयोजन समिति ने अपने मन से नहीं लिया। आयोजन के दौरान संबंधित एजेंसियों को काम देने का निर्देश भारतीय ओलंपिक संघ ने दिया था।

यही नहीं, भारतीय ओलंपिक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने भी उपकरण आपूर्ति के संबंध में दिशा-निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक की निगरानी जांच में कलमाड़ी का नाम सामने नहीं आया है। निगरानी ब्यूरो सूत्रों के अनुसार उक्त आरोपी से मामले में लिखित जवाब-तलब किया गया था। अपने जवाब में उसने कलमाड़ी का नाम लिया है। इस पर विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है, क्योंकि झारखंड में हुए इस आयोजन में राशि राज्य सरकार ने दी थी।

इसलिए उसको खर्च करने के लिए यहां की सरकार का बनाया नियम अपनाया जाना चाहिए था, लेकिन जांच के क्रम में नियम की अवहेलना सामने आई है। ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ या उसके अधिकारी का नाम सामने आने के कारण आगे की कार्रवाई के लिए विधिक राय के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इस घोटाले में राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष व झारखंड ओलंपिक संघ के अध्यक्ष आरके आनंद, समिति के महासचिव एसएम हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्र सहित अन्य आरोपी हैं। उल्लेखनीय है कि कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले की तर्ज पर झारखंड में राष्ट्रीय खेल के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। 50 रुपये की एक सिटी 450 रुपये में खरीदी गई। 20 दर्जन टेनिस बॉल की जगह 200 दर्जन बॉल खरीदे गए। इस मामले में निगरानी ब्यूरो ने छह अक्टूबर, 2010 को प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी आरोपियों पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। अब इस मामले की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इस घोटाले में किसने और कितने रकम ठिकाने लगाए।

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