कानपुर। टीबी के मरीजों के इलाज में डाइट का अहम रोल होता है। दवाएं हाई डोज होने से डाक्टर पौष्टिक भोजन की सलाह देते हैं लेकिन बुधवार को मुरारी लाल चेस्ट हास्पिटल की स्टाफ नर्स ने मरीजों को भूखा रखने का फरमान जारी कर दिया। स्टाफ नर्स ने अस्पताल में गंदगी फैली देखकर वार्ड में भर्ती सभी मरीजों को नो डाइट लिख दिया है।
चेस्ट हास्पिटल के वार्ड छह के गलियारे में मंगलवार रात किसी ने गंदगी फैला दी। बुधवार सुबह जब स्टाफ नर्स ने गंदगी देखी तो आग बबूला हो उठीं। सफाई कर्मचारी से गंदगी हटाने को कहा तो वह उलझ गया। इससे नर्स का पारा और चढ़ गया। उन्होंने गंदगी की सजा में मरीजों का खाना-पानी बंद करने का फरमान जारी कर दिया। नर्स ने डाइट रजिस्टर के पेज नंबर 21243 पर नो डाइट लिखकर अस्पताल के रसोईघर में भिजवा दिया। इसके चलते गुरुवार को वार्ड छह के सभी 20 मरीजों को कोई डाइट नहीं मिलेगी। तीमारदारों ने अगर पेट पूजा का इंतजाम नहीं किया तो उन्हें भूखा रहना पडे़गा। तीमारदारों का कहना है कि गंदगी फैलाना ठीक नहीं है, लेकिन सजा उसी को दी जानी चाहिए, जिसने गलती की। मरीजों का क्या कसूर है, जो डाइट बंद कर दी गयी है। इस संबंध में जब स्टाफ नर्स से पूछा तो वह बोलीं, मेरी मर्जी मैंने लिख दिया।
विभागाध्यक्ष डा. सुधीर चौधरी ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। मरीजों में भय पैदा करने के लिए नर्स ने रजिस्टर में नो डाइट लिख दिया होगा। ऐसा नहीं हो सकता कि मरीजों को खाना न दिया जाए।