विदेशों में खेल, भारत में सेक्स सिंबल है चीयर लीडर्स

cheerleaders-sex-symbol-in-india-नई दिल्ली। हंसती खिलखिलाती हुई गोरी-गोरी विदेशी लड़कियां यानि चीयरलीडर्स जो दौलत शौहरत और ग्लैमर के खेल आईपीएल के हर मैच में खिलाड़ियों के छक्कों और चौकों पर बिना हिंदी जाने भी बालीवुड के गानों पर पूरे जोश के साथ नाचती हैं, वह भारत में दरअसल केवल इस खेल को बेचने का सामान भर है, जबकि विदेशों में इसे बाकायदा खेल का दर्जा हासिल है। भारतीय क्रिकेट में खूबसूरत विदेशी लड़कियों को चीयरलीडर्स के रूप में वर्ष 2008 में शुरू हुए आईपीएल के साथ उतारा गया।

देश में चीयरलीडर्स को लेकर तब भी हंगामा हुआ और आज भी यह समाज के एक हिस्से के लिए चर्चा का विषय है। विदेशों में चीयरलीडर्स का प्रचलन इस कदर है कि इसे खेल का दर्जा मिल चुका है। हालांकि भारत में विदेशों से लाई गई ये चीयरलीडर्स महज आईपीएल को बेचने का एक जरिया बन गई है, जिसके साथ कई तरह के विवाद भी जुड़े हुए हैं। भारत में चीयरलीडर कई विवादों और आलोचनाओं के बावजूद भी इस खेल का हिस्सा बनी हुई है और इनकी मांग और मौजूदा क्रेज को देखते हुए आगे भी बनी रहेंगी।

इनका चलन दरअसल 1880 के दशक में अमेरिका से हुआ था। अमेरिका के बाद धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में ही फैलता चला गया। चीयरलीडिंग विदेशों में इतना लोकप्रिय है कि बाकायदा इसके लिए विश्व चैंपियनशिप आयोजित की जाती है। विश्व चैंपियनशिपों में चीयरलीडर्स को भी अपने हुनर का किसी अन्य खेल के नियमों के अनुसार प्रदर्शन करना होता है। अमेरिका में इसके लिए एक संस्था है, यूनिवर्सल चीयर लीडिंग एसोसिएशन। अमेरिका में इस खेल को और बढ़ावा देने के लिए बाकायदा कोच होते हैं, जो चीयरलीडर्स तैयार करते हैं तथा इसके लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाते हैं।

अमेरिका में हाल ही में इस एसोसिएशन ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिवक समिति को पत्र लिखकर चीयरलीडिंग को भी ओलंपिवक में शामिल करने की अपील की है। अमेरिका के हाई स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक चीयरलीडिंग का क्रेज इतना ज्यादा है कि मैडोना, केटी क्रूज, कैमरन डियाज, हैले बेरी, फ्रेंकलिन डीरू जवेल्ट जैसी कई हालीवुड सेलिब्रिटी हाई स्कूल में चीयरलीडर की भूमिका निभा चुकी हैं। यह बेहद दिलचस्प है कि चीयरलीडिंग की शुरुआत मर्दो ने की थी। 1940 में पुरुष चीयरलीडर्स की भूमिका में होते थे, लेकिन अब महिलाएं इस खेल से जुड़ गई है और धीरे-धीरे पुरुष चीयरलीडर्स की संख्या न के बराबर हो गई है।

error: Content is protected !!