नई दिल्ली । घिनौने अपराध के आरोपी मनोज के पिता बिंदेश्वरी साह की आंखें बार-बार भर आती है। वह बेटे की करतूत से सिर पकड़कर कभी रोने लगता है तो कभी मुट्ठी बांध हाथ जमीन पर पटकता है। पिता को पछतावा हो रहा है कि वह अपने गांव में लोगों को कैसे मुंह दिखाएगा और आसपास रहने वाले लोगों के चुभते सवालों से कैसे बचेगा?
बिंदेश्वरी सीलमपुर में जूस की रेहड़ी लगाता है, जबकि आरोपी खुद गारमेंट फैक्टरी में लेबर का काम करता है। उसके दो भाई व चार बहनें हैं। एक साल पहले मनोज की मुजफ्फरपुर के चिकनौटा गांव में शादी हुई। शादी के बाद से पत्नी मायके में ही है।
मनोज के खिलाफ गांधी नगर थाने में 2010 में गलत नीयत से किसी के घर में घुसने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वह सवा महीने जेल में रहा था। अभी उस केस का ट्रायल चल ही रहा है। कुछ महीने पूर्व मनोज की साली के साथ बिहार में ही रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पिता ने बताया कि मनोज उसे बिना बताए 15 तारीख की शाम अचानक ट्रेन पकड़कर घर चला गया था। दो दिन बाद जब दिल्ली पुलिस की टीम उसके घर पहुंची। जब उसे पता चला कि उसके बेटे ने पांच साल की बच्ची के साथ रेप किया है तो वह सन्न रह गया।
पिता से अलग रह रहे मनोज ने दो हफ्ते पहले ही गांधी नगर में भीम सिंह चौधरी के यहां एक कमरे का मकान किराये पर लिया था। वह भूतल पर रहता था। पीड़ित बच्ची पहली मंजिल पर एक कमरे के मकान में मां-बाप के साथ रहती है। बच्ची के पिता बीच-बीच में पंजाब जाकर मजदूरी करते हैं। बेटी के बारे में सूचना मिलने पर वह 17 की सुबह दिल्ली लौटे थे।