जरूरत पड़ने पर बदले जाएंगे केवाईसी नियम: चक्रबर्ती

RBI Deputy Governor K C Chakrabartyमुंबई। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रबर्ती ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) नियमों में बदलाव किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत महसूस हुई तो बदलाव करने में देरी नहीं की जाएगी।

कोबरापोस्ट के खुलासे से संबंधित एक सवाल के जवाब में चक्रबर्ती ने कहा कि प्रणाली पूरी तरह से ठीक काम कर रही है। हालांकि, बदलाव की जरूरत हमेशा होती है। हमें बैंकिंग प्रणाली के सामने आ रही चुनौतियों पर ध्यान देना होगा। बैंक इस समस्या को जानते हैं और वे समय-समय पर जरूरत के हिसाब से बदलाव करते रहते हैं। यदि आरबीआइ को कदम उठाना जरूरी लगा तो हम केवाईसी नियमों में सुधार कर देंगे। चक्रबर्ती ने बताया कि जांच में मनी लांड्रिंग जैसी कोई बात नजर नहीं आई। यह बातें वित्तीय अशिक्षा के कारण उछली हैं। कोबरापोस्ट ने एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ और एक्सिस बैंक के कुछ अधिकारियों को स्टिंग ऑपरेशन कर काले धन को निवेश उत्पादों में लगाने के तरीके बताते हुए दिखाया था। चक्रबर्ती ने कहा कि हम बैंकों के व्यापार करने के तरीकों पर कड़ाई से नजर रखने के अलावा उनमें बदलाव भी ला रहे हैं। जांच के दौरान बैंकिंग प्रणाली में कोई दिक्कत नजर नहीं आई। रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्रालय में सचिव राजीव टकरू ने बताया था कि केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सुधारों की जरूरत है।

स्टिंग में फंसे बैंकों पर कार्रवाई के संबंध में डिप्टी गवर्नर ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में आरबीआइ रिपोर्ट का खुलासा भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम सभी 34 बैंकों के खिलाफ जांच कर रहे हैं। हालांकि, इसका स्टिंग से कोई लेना देना नहीं है।

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