जयपुर। गुजरात से सटे राजस्थान के वनवासी बहुल डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए देशभर के प्रमुख अखाड़ों, मठों और मंदिरों के महंतों और साधु-संतों ने राष्ट्र की एकता, अखण्डता और स्वाभिमान के साथ ही हिन्दू समाज की रक्षा के लिए हिन्दुत्ववादी सरकार की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए एक स्वर से नरेन्द्र मोदी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान किया। संतों ने कहा कि देश के संतों ने मोदी के नाम पर मोहर लगाकर अपना काम कर दिया है, अब मोदी को प्रधानमंत्री बनाना हिन्दू समाज का काम है।
यहां महंत रघुनंदनदास बी.एड. कॉलेज में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल सहित प्रसिद्ध दिगम्बर अग्नि अखाड़ा, निर्वाणी अखाड़ा, निर्मोही अनि अखाड़ा सहित अन्य प्रमुख अखाड़ों, मठों एवं मंदिरों के प्रमुख महंतो, महामण्डलेश्वरों एवं संतों की उपस्थिति में हरिद्वार से आए जगद्गुरू रामानंदाचार्य हसदेवाचार्य महाराज ने कहा कि आज से दो वर्ष पूर्व 15 मई को अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में महामण्डलेश्वरी की मौजूदगी में संतों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने का आर्शीवाद दिया था जिस पर इस बार के कुंभ में देश भर के साधु संतों ने भी अपनी मोहर लगा दी थी। दो वर्ष पूर्व संतों द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में बोया गया नरेन्द्र मोदी रूपी बीज अब पौधा बन गया है और इसे प्रधानमंत्री रूपी वृक्ष बनाना देश की जनता के हाथ में है।
धर्म सभा में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने कहा कि राम के इस देश में राम की जन्म भूमि पर पिछले 20 वर्षो से कपड़े के टेंट में रामलला का मंदिर होना पूरे देश का अपमान है। अब तक के हालातों को देखते हुए यह साफ हो गया है कि मंदिर निर्माण कोर्ट के भरोसे नहीं हो सकता। इसके लिए देश की संसद को ही कानून बनाना होगा। सिंघल ने कहा कि यदि यह संसद मंदिर निर्माण को लेकर कानून बनाने में नाकाम रहती है तो आने वाली संसद को हर हाल में इसके लिए कानून बनाना ही होगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत ज्ञानदास महाराज ने कहा कि जब तक हिन्दू समाज अपने मन का प्रधानमंत्री नहीं चुनता, तब तक हिन्दू समाज की कठिनाईयां कम नहीं होगी।
अहमदाबाद के महामण्डलेश्वर शिवरामदास महाराज ने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठाना हिन्दुओं का काम है और यदि ऐसा होता है, तो अयोध्या में राममंदिर निश्चित रूप से बनेगा।