नई दिल्ली। सारधा समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन की चिट्ठी में वित्त मंत्री चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम का नाम आने के बाद से राज्य से लेकर केंद्र तक में हलचल मच गई है। सुदीप्त ने सीबीआई को सौंपे अपने खत में साफ लिखा, नलिनी चिदंबरम ने मुझे काफी नुकसान पहुंचाया है। जब भी वे कोलकाता आती थीं तो उनकी हवाई यात्रा और होटल का खर्च मैं ही उठाता था। यही नहीं उन्होंने नलिनी पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि नलिनी ने उन्हें उत्तर पूर्वी भारत में एक चैनल खोलने के 42 करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। इस साल उन्होंने उन्हें नलिनी को एक करोड़ रुपये से अधिक राशि दी थी।
उन्होंने आगे लिखा कि नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे मतंग सिंह, उनकी पत्नी मनोरंजना सिंह और सुदीप्त के बीच हुई डील में नलिनी चिदंबरम वकील के तौर पर जुड़ी थीं। मनोरंजना सिंह ने हमसे संपर्क किया और अपने पॉजिटिव ग्रुप की बिक्री के लिए अपने वकील नलिनी चिदंबरम के पास ले गईं।
इधर,तृणमूल के दो सांसदों का नाम चिट्ठी में लिए जाने से उनपर भी राज्य सरकार की गाज गिरने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। तृणमूल सांसद कुणाल घोष और सृंजॉय बोस के खिलाफ चैनल के कुछ कर्मचारियों ने एफआईआर दर्ज की है। बताया जाता है कि तीन महीने से इन चैनल और अखबार के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। इसके एवज में मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
आरोपों से तिलमिलाई ममता अपनी सरकार का बचाव करते हुए शुक्रवार को सांसदों से इस्तीफा ले सकती हैं। इस बीच, चिट फंड मामले को लेकर वित्त मंत्रालय शुक्रवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाने की तैयारी में है। इस बैठक में अन्य मंत्रालय के आला अधिकारी भी शामिल होंगे। उधर, इस घोटाले की सीबीआई जांच के भी संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को घोटाले के मास्टरमाइंड सुदीप्त सेन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कोलकत्ता हाइ कोर्ट सारधा ग्रुप की सभी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश जारी किए हैं। इस बीच, सेबी ने अपना कड़ा रुख अपनाते हुए चार और चिट फंड कंपनियों को नोटिस दिया है।
गिरफ्तारी से पहले सुदीप्त ने सीबीआइ को खत लिखकर 22 लोगों पर पैसा बनाने के लिए खुद को इस्तेमाल करने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। इसमें तृणमूल सांसद कुणाल घोष और सृंजॉय बोस के साथ वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी और वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम का नाम भी है। एक ओर तृणमूल इस पूरे मसले पर सारधा समूह से अपने संबंधों को दरकिनार करती रही है, वहीं दूसरी ओर अब उसे कांग्रेस पर वार करने का मौका मिल गया है।
तृणमूल की वेबसाइट पर बिना नाम लिए पूछा गया है कि चेन्नई की वरिष्ठ वकील शारदा समूह की डील फिक्स कर रही थीं। कांग्रेसी नेता को इस पर जवाब देना चाहिए। वहीं भाजपा ने भी पत्नी के बहाने वित्तमंत्री चिदंबरम पर सवाल उठा दिए। राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस प्रकरण में एक बड़े वकील का नाम आया है, जिनके वित्त मंत्री के साथ संबंध की बात है। इस मसले पर पूरी जांच होनी चाहिए कि जो राशि दी गई है, वह उनकी वकीली सलाह की राशि है या फिर किसी तरह की रिश्वत।