नई दिल्ली । एम्स प्रशासन गुड़िया की सेहत को स्थिर बता रहा है। बावजूद इसके डाक्टरों द्वारा उसे खाना देने से मना करने व गुरुवार दोपहर में उसकी मां से एक फार्म पर अंगुठा लगवाए जाने से गुड़िया की सेहत को लेकर संशय बन गया है। गुड़िया के माता-पिता व परिवार के लोग पूरे दिन यह सोचकर परेशान रहे कि डाक्टरों ने आखिर अंगुठे का निशान क्यों लिया। उन्हें आशंका है कि गुड़िया की छोटी सर्जरी की गई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इस बात से साफ इंकार किया है।
गुडि़या की दो सर्जरी हो चुकी है। पहली सर्जरी दयानंद अस्पताल में हुई थी। दूसरी सर्जरी में एम्स में हुई थी। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. डीके शर्मा ने कहा कि गुड़िया की एम्स में और कोई सर्जरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि उसके आंतरिक अंग के आसपास के हिस्से में इतने गहरे घाव है कि ड्रेसिंग करने के लिए भी एनेसथेसिया देकर बेहोश करना पड़ रहा है। एनेसथेसिया में खतरा रखता है। इसलिए जब भी मेजर ड्रेसिंग करना होता है तो परिवार के किसी सदस्य का अंगुठा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि गुड़िया को बुखार नहीं है और संक्रमण नियंत्रण में है। वह खा पी रही है और ठीक है।
दूसरी ओर गुड़िया के पिता ने बताया कि कल से डाक्टरों ने उसे खाना देने से मना कर दिया है। इसलिए उसे दाल, दलिया व खिचड़ी नहीं दी जा रही है। सुबह में सिर्फ दूध दिया गया। हालांकि वह बार-बार खाने के लिए कहती है। उसे जुकाम है और कभी-कभी बुखार भी आ रहा है। दोपहर में अस्पताल कर्मी ने उसकी मां से एक फार्म पर हस्ताक्षर (अंगुठे का निशान) कराकर ले गया है। हस्ताक्षर तभी करते हैं जब आपरेशन करना हो या अस्पताल से छुट्टी देनी हो। डाक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया भी नहीं। करीब सवा छह बजे उसे वार्ड से नीचे ले गए हैं। अस्पताल का कहना है कि सिर्फ उसकी ड्रेसिंग की गई।
आरोपियों की सरेआम पिटाई के बाद हो फांसी की सजा
गुड़िया के पिता ने कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सरेआम पिटाई करने के बाद फांसी की सजा मिले। तब भी न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र में आरोपियों की हैवानियत ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। वह सात दिन से एम्स अस्पताल में बिस्तर पर पड़ी है। वह सामान्य जीवन जी पाएगी या नहीं यह सवाल बना हुआ है।
पुलिस रिमांड पर भेजा गया मुख्य आरोपी
नई दिल्ली। गांधी नगर की मासूम गुड़िया के साथ गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोज शाह को बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा में कड़कड़डूमा अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे पांच दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इस मामले का दूसरा आरोपी प्रदीप अभी पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस अब दोनों आरोपियों से आमने सामने बिठाकर पूछताछ करेगी और साथ ही कई साक्ष्य भी जुटाएगी।
बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी में मनोज शाह को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने दलील दी कि गांधी नगर रेप मामले में दोनों आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ करनी है। इसके अलावा रेप के दौरान मनोज द्वारा पहने गए कपड़े को बरामद करने के लिए उसे मुजफ्फरपुर ले जाना है। अदालत में अभियोजन ने यह भी बताया कि मनोज ने प्रदीप को कागज के टुकड़े पर नंबर लिख कर दिया था और कहा था कि उसे दो दिन बाद फोन करना। अभियोजन ने अदालत से मनोज शाह के लिखावट का नमूना लेने की इजाजत मांगी, जिससे कि प्रदीप से मिले कागजात पर लिखे अक्षर से मिलान कराया जा सके। अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने मनोज के लिखावट का नमूना ले लिया। अदालत में पेशी के दौरान मनोज अचानक कटघरे में बैठ गया। न्यायाधीश द्वारा पूछने पर पुलिस ने बताया कि घबराहट की वजह से वह बैठ गया है। अभियोजन की दलील सुनने के बाद अदालत ने मनोज शाह को पांच दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
गौरतलब है कि गांधी नगर में पांच वर्षीय मासूम गुड़िया को मनोज और प्रदीप ने गत 15 अप्रैल को हवस का शिकार बनाया था और इस दौरान मासूम बच्ची पर इंतहा जुल्म ढाहा था। दोनों गुड़िया को मरा समझ कर मौके से फरार हो गए थे। घटना के 40 घंटे बाद बच्ची को पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोज को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया था। अदालत में पेशी के बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। दूसरे आरोपी प्रदीप को पुलिस ने बिहार के लखीसराय के बड़हिया से 22 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।
छपरा से अलग हुए थे दोनों आरोपी
अदालत में पुलिस ने बताया कि दिल्ली में जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी 15 अप्रैल को स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से बिहार के लिए रवाना हुए थे। छपरा पहुंचने के बाद दोनों अलग हो गए थे। मनोज मुजफ्फरपुर पहुंच कर अपने घर गया और फिर ससुराल चला गया। वहीं प्रदीप बड़हिया में अपनी मौसी के यहां पहुंच गया था।