अजमेर। गुरूवार रात खंडग्रास चंद्रग्रहण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के चलते अजमेर और पुष्कर में कई मंदिरो के पट बंद रहे तो कई के खुले। ज्योतिषियो ने बताया कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण गुरूवार को होना है लेकिन यह ग्रहण भारत में नही दिखेगा। बावजूद इसके कुछ मंदिरो में शाम सवा चार बजे सूतक काल लगते ही पट बंद कर दिये गये जबकि कुछ मंदिरो में हनुमान जयंती के कार्यक्रम होने के सब्ब पट खुले रहे और सभी धार्मिक आयोजन संपन्न हुए।
पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर और बैकुंठनाथ मंदिर में चंद्र ग्रहण के चलते धार्मिक कार्य नही हुए और मंदिर के पट बंद रहे।
महादेव चौक स्थित खेडापति बालाजी मंदिर पर सुंदरकांड पाठ हुआ। वहीं नो-खंडीय हनुमान मंदिर में भी मानस मंडलो ने राम दरबार और हनुमान की स्तुति करते हुए संुदरकांड पाठ की चौपाईयों का श्रवण कराया। इसी तरह यज्ञ घाट स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर, चुंगी नाका स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर, लीला सेवडी स्थित अटल छत्र हनुमान मंदिर और पुष्कर घाटी स्थित हनुमान मंदिर मे ंजन्मोत्सव के अवसर पर पवन पुत्र हनुमान का विशेष श्रृंगार कर 56 भोग अर्पित किये और श्रृंगार आरती के साथ भोग लगाकर सभी को प्रसाद वितरित किया गया।
अजमेर। अजमेर में भी चंद्रग्रहण का मिलाजुला असर देखने को मिला। शहर के कई मंदिर सूतक लगने के बाद बंद हो गये। वहीं कुछ मंदिरो मे हनुमान जंयती के अवसर पर होेने वाले धार्मिक आयोजन पूरे विधिविधान से संपन्न कराये गयें। शहर भर में हनुमान जयंति महोत्सव बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। रात के वक्त मंदिरों को सजाकर बालाजी की प्रतिमा का नयनाभिराम श्रृंगार कर महाआरती की गई इसके बाद भजन संध्या और जागरण के कार्यक्रम हुए। कुंदन नगर स्थित कामनापूर्ण हनुमान मंदिर, भजनगंज स्थित राम मंदिर, जोसंगंज स्थित बालाजी मंदिर, चंद्रवरदाई सी ब्लॉक स्थित हनुमान मंदिर, गढी मालियान स्थित बालाजी मंदिर में संुदरकांड पाठ, भजन संध्या और जागरण के आयोजन किये गये। वहीं कई मंदिरो में हनुमान जयंती के अवसर पर भंडारे के आयोजन में श्रद्धालूओ ने प्रसादी ग्रहण की।
बजरंगदल महानगर अजयमेरू द्वारा आनंद नगर स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर पर अंजनी पुत्र वीर हनुमान की जन्मजयंति बडे ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गयीं। शाम सात बजे से संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ और प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा भजनो की प्रस्तुति से पूरा माहौल धर्ममयी हो गया।