ईंट से कुचला सरबजीत का सिर, ब्लेड से चेहरे-गर्दन पर किए वार

sarbjit-attacked-by-two-prisioners-with-bricks-and-bladeलाहौर। पाकिस्तान के लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। डाक्टरों के मुताबिक अगले कुछ घंटे सरबजीत के लिए बेहद खतरनाक हैं। उसको लाहौर के जिन्ना अस्पताल में डीप कोमा में पहुंचने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया है। डाक्टरों के मुताबिक वह डीप कोमा में है और उसकी हालत में सुधार होने के बाद ही उसका ऑपरेशन किया जा सकता है। आपको बता दें कि ईंट से वार किया गया है। इससे उसका चेहरा और सिर दोनों ही बुरी तरह से घायल हो गया हैं। बताया जा रहा है कि चेहरे, गर्दन और शरीर के तमाम हिस्सों पर ब्लेड और घी के टीन के टुकड़ों से वार किया गया है। इससे पहले भी ये दोनो आरोपी सरबजीत पर हमला कर चुके हैं।

इस बीच, भारतीय अधिकारी भी जिन्ना अस्पताल में मौजूद हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन के मुताबिक सरबजीत की स्थिति पर भारतीय उच्चायोग पाकिस्तान अधिकारियों से संपर्क में है। उनके मुताबिक अधिकारी लगातार डाक्टरों से संपर्क बनाए हुए हैं। इस बीच, डाक्टरों ने उनका एमआरआई और सिटी स्कैन करवाया है।

जानकारी के मुताबिक सरबजीत पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी आमिर और मुद्दसिर पर हत्या की कोशिश करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस पूरे मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को सरबजीत सिंह के दो साथी कैदियों ने उस पर हमला कर दिया था, जिससे सरबजीत को सिर पर गंभीर चोट आई हैं। हमले के तुरंत बाद सरबजीत को गंभीर हालत में जिन्ना अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया। पुलिस कमांडो और खुफिया अधिकारियों को उनके वार्ड की सुरक्षा में लगा दिया गया है। घटना के बाद जेल अधीक्षक और सहायक अधीक्षक सहित सरबजीत की सुरक्षा में लगे सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।

इसी साल जनवरी में लाहौर जेल में भारतीय कैदी चमेल सिंह भी मारपीट का शिकार हुए थे। चोटों के कारण उनकी मौत हो गई थी। हालांकि, पाकिस्तानी जेल अधिकारियों ने हृदयाघात को उनकी मौत का कारण बताया था।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि सरबजीत पर उस समय हमला हुआ, जब उन्हें करीब एक घंटे के लिए बैरक से निकाला गया था। पहले उन्हें जेल के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि सरबजीत को बचाने के लिए ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है।

पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता एजाज अहमद चौधरी ने बताया कि मामले की जांच शुरू हो गई है। फिलहाल जेल अधिकारियों ने घटना की कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अक्सर दूसरे कैदी सरबजीत को परेशान करते थे। अजमल कसाब और अफजल गुरु की फांसी के बाद सरबजीत को कड़ी सुरक्षा में रखा गया था। सरबजीत की बहन दलबीर कौर कुछ ही दिन पहले उनसे मिलने कोट लखपत जेल गई थीं।

दलबीर ने बताया कि जेलर ने उन्हें सरबजीत को परेशान करने वाले कैदियों के नाम लिखकर दिए थे। इसके बाद उन्होंने सभी नाम केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को दे दिए थे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं, इसका उन्हें पता नहीं है।

सरबजीत के वकील ओवैस शेख ने कहा कि हमले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके लिए जेल प्रशासन जिम्मेदार है। मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने कहा कि वह सरबजीत को तत्काल रिहा कर भारत भेजने के लिए राष्ट्रपति के समक्ष एक और याचिका दायर करने जा रहे हैं। सरबजीत की पिछली दया याचिका पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।

49 वर्षीय सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के लाहौर और फैसलाबाद में हुए धमाकों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इन धमाकों में 14 लोगों की जान गई थी। हालांकि, भारत सरकार और सरबजीत खुद को निर्दोष बताते रहे हैं।

कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हमले के मुख्य संदिग्ध ने कुछ दिन पहले भी भारतीय कैदी से झगड़ा किया था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उस दौरान जेल में पाकिस्तानी अधिकारियों ने मामले पर ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार के हमले में मुख्य संदिग्ध आमेर आफताब ने कुछ दिन पहले भी सरबजीत पर हमला करने की कोशिश की थी और उसे गालियां दी थीं। झगड़े की वजह का तत्काल पता नहीं लगाया जा सका था। आफताब को सरबजीत की नजदीकी अतिसुरक्षित बैरक में अन्य कैदियों के साथ रखा गया था। अधिकारियों ने बताया था कि आमेर आफताब और दूसरे कैदी मुदस्सर ने सरबजीत पर उस समय हमला किया था, जब उन्हें एक घंटे के लिए बाहर लाया गया था, जबकि सूत्रों का कहना है कि कम से कम छह कैदियों ने उनकी बैरक में ही हमला किया था।

इस हमले हमले के बाद भारत ने सरबजीत के लिए पाकिस्तान से राजनयिक मदद की इजाजत मांगी है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय खेमा सरबजीत की स्थिति के आधार पर आगे की रणनीति तय करेगा। चमेल सिंह के बाद सरबजीत पर हुए बर्बर हमले का मामला बेहद गंभीर है। इसे कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के साथ उठाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से इस बारे में संपर्क किया है और सरबजीत के लिए सभी जरूरी चिकित्सा व अन्य सहायता उपलब्ध कराने को कहा है।

हालांकि पाकिस्तान का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। गौरतलब है कि भारत लगातार सरबजीत की रिहाई का मुद्दा उठाता रहा है। बीते साल विदेश मंत्रियों की बातचीत में भी इस बारे में बात हुई थी। सितंबर 2012 में दोनों मुल्कों के बीच नए वीजा समझौते पर दस्तखत के दौरान पाक गृह मंत्री ने भरोसा दिया था कि न्याय तंत्र के तहत सरबजीत को राहत दिलाने के लिए कोशिशें जारी हैं।

वहीं इस मामले पर भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि पाकिस्तानी व्यवस्था आतंकियों के कब्जे में है। पाक सरकार आतंकियों के रहमो-करम पर चलती है। सरबजीत पर हमला तब और दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है, जब उनकी बहन दलबीर कौर पाक जेल में अपने भाई की जान को खतरे की बात लिखित में केंद्र सरकार को बता चुकी हों। अब पाक को सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए।

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