नई दिल्ली। इसी साल मार्च में एचडीएफसी, आइसीआसीआइ और एक्सिस जैसे निजी बैंकों द्वारा मनी लांड्रिंग में शामिल होने के खुलासे के बाद खोजी साइट कोबरा पोस्ट ने अब इसमें सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों के शामिल होने का भी दावा किया है।
स्टिंग ऑपरेशन ‘रेड स्पाइडर 2’ के जरिए पोस्ट ने सोमवार को 23 बैंकों और बीमा कंपनियों पर काले धन को सफेद करने के कारोबार में लिप्त होने का दावा किया है। वेबसाइट के अनुसार, मनी लांड्रिंग के इस काले कारोबार में एसबीआइ, इलाहाबाद, केनरा, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंक के साथ-साथ एलआइसी जैसी सरकारी बीमा कंपनियां की शामिल हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों की सूची में यस बैंक का नाम भी जुड़ गया है।
स्टिंग ऑपरेशन के जरिए कई सनसनीखेज कर चुकी पोस्ट ने दावा किया है कि काले धन को सफेद करने का धंधा हमारे बैंकिंग सिस्टम में समानांतर रूप से चल रहा है और यह रोग केवल निजी वित्तीय संस्थानों में नहीं है। पोस्ट ने करीब छह महीने तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, आंध प्रदेश और कर्नाटक में काले कारोबार को लेकर सबूत इकट्ठे किए। इस दौरान आंध्र प्रदेश में तो प्राथमिक शिक्षा मंत्री मनी लांड्रिंग के कारोबार में संलिप्त पाए गए। वेबसाइट ने मंत्री पर काले धन की 25 करोड़ की सुरक्षा गारंटी देने का आरोप लगाया है।
स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया है कि दिल्ली में आरबीआइ मुख्यालय के सामने और संसद मार्ग स्थित बैंकों में भी काले धन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसमें बैंकों के उच्च पदाधिकारियों से लेकर जूनियर पदाधिकारी तक शामिल हैं।
कोबरा पोस्ट के अनिरुद्ध बहल ने पहले चरण में उनके द्वारा किए गए खुलासों पर कोई खास कार्रवाई न करने पर रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बैंक और बीमा कंपनियों के अधिकारी कैमरे पर कह रहे हैं कि वे पहले कई बार ऐसा कर चुके हैं और हमारे लिए भी करेंगे। यह साफ-साफ आईपीसी और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग ऐक्ट के तहत अपराध है।