यूपीए सरकार के लिए मुसीबत बनते ये मंत्री

beny prasad with salman kurshidनई दिल्ली। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे के 90 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद उसकी आंच मंत्री महोदय तक पहुंच रही है। इस सरकार में पहले भी कई मंत्री सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की किरकिरी करा चुके हैं :

देखें: तो ये मंत्री बने सरकार के लिए मुसीबत

सलमान खुर्शीद:

विकलांगों की मदद के लिए अपनी पत्नी लुईस के साथ जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट चलाते हैं। पिछले साल अक्टूबर में जब वह कानून मंत्री थे तो उनके ट्रस्ट पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। खुर्शीद ने आरोपों का खंडन किया। उसके कुछ दिनों बाद ही उनको विदेश मंत्री बनाया गया।

वीरभद्र सिंह:

अगस्त, 2009 में वीरभद्र और उनकी पत्नी पर हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक मामले में केस दायर किया गया। उन पर आरोप था कि राज्य का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट का उल्लंघन किया था। नतीजतन जून, 2012 में उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि वह बाद में आरोपों से बरी हो गए

दयानिधि मारन:

2006 में दूरसंचार मंत्री रहते हुए दयानिधि मारन ने चेन्नई की टेलीकॉम कंपनी एयरसेल के प्रमोटर पर दबाव डाला कि वह अपनी फर्म मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को बेच दें। मामला उजागर होने पर 2011 में उनको कपड़ा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। पिछले साल सीबीआइ ने इस मसले पर उनसे पूछताछ भी कर चुकी है।

ए राजा:

2008 में जारी कैग की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री ए राजा के मनमाने रवैये और नीतियों के चलते 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से देश को 1.76 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। 2001 की पुरानी कीमतों के आधार पर आवंटन किए गए। बोली प्रक्रिया की जगह ‘पहले आओ पहले पाओ’ नीति पर अमल किया गया। बेचे गए 122 लाइसेंस में से 85 लाइसेंस उन कंपनियों को दिए गए, जो पात्रता शर्ते भी नहीं पूरी करती थीं। नतीजतन फरवरी, 2011 में दूरसंचार मंत्री ए राजा को इस्तीफा देना और इस मामले में 15 महीने जेल में रहना पड़ा

सुबोध कांत सहाय:

कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में नाम आया। अपने भाई के समर्थन में ब्लॉक आवंटित कराने के लिए प्रधानमंत्री को खत लिखने के आरोप लगे। लिहाजा भाई के हित साधने के लिए दबाव बनाने के चलते पर्यटन मंत्री ने फजीहत कराई।

श्रीप्रकाश जायसवाल:

कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में नाम आया। इसके अलावा, कानपुर में एक सभा के दौरान महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की किरकरी हुई।

बेनी प्रसाद वर्मा:

ये बयानवीर मंत्री हमेशा अपनी वाणी से सुर्खियों में रहने के लिए जाने जाते हैं। अपने चर्चित और विवादास्पद बयानों के कारण इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद सरकार की कई बार फजीहत करा चुके हैं।

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