नई दिल्ली। घूसकांड और कोयला घोटाले को लेकर रेल मंत्री पवन बंसल एवं कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग कर रही भाजपा अब इस मसले पर अकेली पड़ती नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों ने संसद में पेश खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर सरकार का साथ देने का एलान किया है।
कानून मंत्री और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर कई दिनों से संसद की कार्यवाही ठप होने के बाद सोमवार को लोकसभा में पेश खाद्य सुरक्षा बिल पर विपक्षी एकता में दरार पड़ गई है। सरकार की पूर्व सहयोगी तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों ने खाद्य सुरक्षा बिल के समर्थन का एलान किया है। इन दलों का कहना है कि बिल गरीबों से जुड़ा हुआ है इसलिए वह इस्तीफे पर जोर देने के बजाए इसे पास कराने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा को गरीबों से कोई मतलब नहीं है। वह केवल संसद के कामकाज में बाधा डालकर बिल को पास होने देना नहीं चाहती है। भाजपा की सहयोगी जदयू पहले ही इस्तीफे की मांग का विरोध कर चुकी है। इसलिए अब भाजपा धीरे-धीरे इस मसले पर अकेली पड़ती दिखाई दे रही है। हालांकि बिल को लेकर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं और पहले भी कह चुकी है कि इस्तीफा दिलाओ और बिल पास कराने में सहयोग लो। लेकिन सरकार टस से मस होने को तैयार नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर संसद से बिल पारित नहीं हुआ तो सरकार अध्यादेश का रास्ता अपना सकती है।