क्या आज आरुषि के कत्ल का सच कबूल करेंगे तलवार दंपति?

talwars-will-register-statements-today-in-cbi-courtगाजियाबाद। आरुषि-हेमराज हत्याकांड में मंगलवार को तलवार दंपति सीबीआइ की अदालत में अपने बयान दर्ज करा सकते हैं।

आरुषि-हेमराज हत्याकांड के आरोपी डा. राजेश तलवार व डा.नूपुर तलवार सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल की अदालत में पेश हुए थे। यहां दोनों आरोपियों का बयान होना था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर कहा कि सीबीआइ के पूर्व संयुक्त निदेश अरुण कुमार व 13 अन्य गवाहों को तलब करने के लिए दी गई दो अर्जी खारिज किए जाने का जो आदेश मिला है, उसे अभी पढ़ नहीं पाए हैं। इसलिए आदेश को पढ़ने के लिए समय दिया जाए। अदालत ने आदेश पढ़ने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए सात मई की तारीख तय कर दी।

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उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआइ के एएसपी एजीएल कौल कोर्ट में जोड़ी गई कड़ियों के हिसाब से पूरा घटनाक्रम बता चुके हैं। उन्होंने अदालत को बताया था कि आरुषि व हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में देखने पर डा.राजेश तलवार ने गोल्फ स्टिक से वार कर हत्याकांड को अंजाम दिया।

रात 12 बजे तक डा.राजेश तलवार अपने कमरे में जागे हुए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आरुषि व हेमराज की मौत का समय रात्रि 12 बजे से एक बजे के बीच का है। डा. राजेश ने अपने कमरे में आवाज सुनी तो वह हेमराज को देखने उसके कमरे में गए, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उन्होंने हेमराज के कमरे में रखी दो गोल्फ स्टिक में एक उठा ली। इस दौरान उन्हें यह पता चल चुका था कि आवाज आरुषि के कमरे से आ रही थी। आरुषि के कमरे का दरवाजा बंद नहीं था। डा. राजेश ने गोल्फ स्टिक से हेमराज के सिर पर वार किया। दूसरा वार किया तो हेमराज वहां से हट गया और यह वार सीधा आरुषि के माथे पर लगा। इस दौरान डा. राजेश ने कई वार किए। आवाज पर डा. नूपुर भी आरुषि के कमरे में पहुंच गई। तब तक हेमराज बेड से नीचे गिर गया था।

दोनों ने आरुषि की नब्ज देखी तो उसे मृत पाया। इसके बाद दोनों घबरा गए और हेमराज का कत्ल कर शव को छिपाने और मौका मिलने पर उसको डिस्पोज करने की साजिश रची। इसी उद्देश्य से तलवार दंपती ने हेमराज को चादर में लपेटा और घसीटकर सीढि़यों से छत पर ले गए। एक कोने में छोटे धारदार हथियार से उसका गला चीर दिया। साथ ही कूलर का पैनल निकालकर हेमराज के शव पर रख दिया। इसके बाद चादर व धारदार हथियार लेकर फ्लैट में आ गए। वहां से उन्होंने डबल चादर व एक ताला चाबी लिया और वापस छत पर पहुंच गए। इसके बाद दोनों आरुषि के कमरे में आ गए और बिस्तर पर अस्त-व्यस्त रखे खिलौने व अन्य सामान को अपनी जगह पर रख दिया। बिस्तर की चादर की सलवटें भी ठीक कर दी और आरुषि का गला धारदार हथियार से काट दिया। ताकि आरुषि व हेमराज के गले के जख्म एक तरह के दिखाई पडे़।

कौल ने कहा कि डा. नूपुर तलवार ने आरुषि के संवेदनशील अंग को साफ किया और उसे अंत:वस्त्र व पायजामा पहना दिया। इसके बाद वहां पडे़ खून को साफ किया। इंटरनेट के राउटर से छेड़छाड़ की। खून से सने कपड़े व धारदार हथियार एक साथ रख दिए। गोल्फ स्टिक भी साफ करके आरुषि के कमरे की दुछत्ती में छिपा दी और सबसे बाहर का दरवाजा अंदर से तथा बीच के लोहे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान डा. राजेश वेलेंटाइन व्हिस्की बिना पानी के पीते रहे और नौकरानी के सामने आरुषि की हत्या का आरोप हेमराज पर मढ़ दिया।

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